हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) शिमला में कर्मचारियों का सब्र टूट गया है। अप्रैल माह की सैलरी अब तक न मिलने से नाराज़ शिक्षक और नॉन-टीचिंग स्टाफ सोमवार को सड़कों पर उतर आए। गुस्साए कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) शिमला के कर्मचारियों ने अप्रैल माह की सैलरी नहीं मिलने से रोष है। इन कर्मचारियों को 5 मई को भी सैलरी नहीं मिल पाई है। HPU के गुस्साए शिक्षकों और नॉन टीचिंग स्टाफ ने आज यूनिवर्सिटी में कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
इस दौरान यूनिवर्सिटी कर्मचारियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने कहा, बार-बार कर्मचारियों को वेतन में विलंब हो रहा है। पहले भी सैलरी में देरी की वजह से यूनिवर्सिटी कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं।

यूनिवर्सिटी कर्मचारियों ने हर महीने की पहली तारीख को वेतन जारी करने की मांग की है और अप्रैल का बकाया वेतन जल्द देने की चेतावनी दी है। ऐसा नहीं करने पर मजबूरन आंदोलन करने की भी चेतावनी दी गई है।
एजुकेशन सेक्रेटरी-डायरेक्टर जिम्मेदार- डॉ. नितिन
शिक्षक संघ हपुटवा के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने कहा कि वेतन में देरी के लिए एजुकेशन सेक्रेटरी और डायरेक्टर उच्च शिक्षा जिम्मेदार हैं। विश्वविद्यालय की वेतन की फाइल पर 10 दिनों से हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। इनकी लापरवाही से यूनिवर्सिटी कर्मचारी चिंता में है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को सैलरी के लिए बार बार प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इससे यूनिवर्सिटी कर्मचारियों में रोष है।

बता दें कि HPU कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि जल्द वेतन जारी नहीं किया गया तो वे आंदोलन को और उग्र रूप देंगे। उन्होंने शिक्षा सचिव और निदेशक उच्च शिक्षा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए जल्द समाधान की मांग की है। अब देखना यह होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार इस गंभीर मसले पर क्या रुख अपनाते हैं।