हिमाचल प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। कुल्लू, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति जिलों में अचानक आई बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बुधवार को हुई मूसलधार बारिश के चलते कई लोग लापता हो गए हैं, सैकड़ों सैलानी फंस गए हैं और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन रेस्क्यू में जुटा है, जबकि मौसम विभाग ने आज भी 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश में बुधवार को मौसम ने कहर बरपा दिया। कुल्लू, लाहौल-स्पीति और कांगड़ा जिले में अचानक आई बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। अब तक की जानकारी के अनुसार 9 से अधिक लोग लापता हैं, जबकि 2 के शव बरामद किए जा चुके हैं। वहीं, भारी बारिश के चलते कुल्लू जिले के विभिन्न इलाकों में करीब 2, 000 से अधिक पर्यटक फंस गए हैं। प्रशासन ने इन सभी को स्थानीय होटलों और होम स्टे में सुरक्षित ठहराया है।
कांगड़ा के खनियारा क्षेत्र में मनूणी खड्ड में आई बाढ़ से शेड में ठहरे मजदूर लापता हो गए हैं। स्थानीय विधायक सुधीर शर्मा के मुताबिक 15 से 20 मजदूर बह गए हैं, जबकि प्रशासन की ओर से फिलहाल 6 मजदूरों के लापता होने की पुष्टि हुई है। इनमें से दो के शव भी बरामद किए जा चुके हैं। जिला प्रशासन द्वारा सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।

इसी प्रकार कुल्लू के सैंज, जीवा नाला, गड़सा और बंजार के होरनगाड़ क्षेत्र में बादल फटने की घटनाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तीर्थन वैली, शांघड़, जीभी, शोजा, कसोल और सैंज घाटी जैसी लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशनों को जोड़ने वाली सड़कें बंद हो गई हैं। प्रशासन अब सड़कों की बहाली कर फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकालने में जुटा है।
तेज बारिश से आठ से अधिक गाड़ियां बह गईं और एक स्कूल, चार घर, एक गोशाला, एक पटवार सर्कल, बिजली प्रोजेक्ट और दस से अधिक छोटे पुलों को नुकसान पहुंचा है। खनियारा में बिजली प्रोजेक्ट निर्माण कार्य में लगी भारी मशीनरी भी बह गई या क्षतिग्रस्त हुई है।
मौसम विभाग ने बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। लोगों और पर्यटकों को नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है।
हालांकि राहत की बात यह है कि मौसम विभाग के अनुसार आज रात से वेस्टर्न डिस्टरबेंस कमजोर पड़ सकता है, जिससे अगले कुछ दिनों में राहत मिलने की संभावना है। फिलहाल शिमला समेत कुछ क्षेत्रों में मौसम साफ बना हुआ है, लेकिन अगले 24 घंटे हालात संवेदनशील बने रहने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को हुई भीषण बारिश ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की गंभीरता का एहसास कराया है। बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाओं ने न केवल जनहानि और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, बल्कि हजारों पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भी खतरे में डाल दिया। प्रशासन और राहत एजेंसियां लगातार बचाव कार्यों में जुटी हैं, लेकिन मौसम की मार ने चुनौतियां और बढ़ा दी हैं। ऐसी आपदाएं इस बात का संकेत हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में सतर्कता, पूर्व चेतावनी और ठोस आपदा प्रबंधन की अत्यधिक आवश्यकता है। लोगों से अपील है कि वे मौसम विभाग की एडवाइजरी का पालन करें और जोखिम वाले क्षेत्रों से दूर रहें।