नई दिल्ली : भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपते हुए इसमें स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने यह फैसला डॉक्टरी सलाह के आधार पर लिया है और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए पद से त्यागपत्र दे रहे हैं।
धनखड़ ने अपने पत्र में संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया जाए। उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और मेडिकल सलाह का पालन करते हुए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।”

उन्होंने अपने पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति आभार व्यक्त करते हुए लिखा कि, “आपके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद और अद्भुत कार्य संबंधों के लिए मैं अपनी हार्दिक कृतज्ञता प्रकट करता हूं।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सहयोग के लिए भी धन्यवाद दिया।
धनखड़ ने आगे लिखा कि उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा और भारत की वैश्विक प्रगति और आर्थिक विकास का हिस्सा बनना उनके लिए सौभाग्य और गर्व की बात रही। उन्होंने कहा, “इस परिवर्तनकारी युग में राष्ट्र की सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संसद के दोनों सदनों के माननीय सदस्यों से उन्हें जो स्नेह, विश्वास और समर्थन मिला, वह उनके जीवन की अमूल्य स्मृति बन गया है। उन्होंने भारत के लोकतंत्र में मिले अनुभवों को जीवन की अनमोल निधि बताया।
गौरतलब है कि अपने इस्तीफे से एक दिन पहले ही उपराष्ट्रपति ने संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर सांसदों से व्यक्तिगत हमलों से बचने और रचनात्मक राजनीति करने का आह्वान किया था। राज्यसभा इंटर्न्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि राजनीतिक मतभेदों को व्यक्तिगत हमलों में बदलना भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं है। इस बयान पर विपक्षी दल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा था कि धनखड़ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्तारूढ़ पक्ष भी इस सलाह का पालन करे।