हिमाचल प्रदेश सरकार की नई ‘ट्रेनिंग भर्ती योजना’ को लेकर बेरोजगार युवाओं में भारी आक्रोश है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा इस योजना को उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
शिमला: (HD News); शिमला के ऐतिहासिक रिज और लाइब्रेरी चौक पर जुटे दर्जनों युवाओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष जताया। उनका कहना है कि सरकार ने चुनाव से पहले हर साल एक लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन बीते तीन वर्षों में नियमित भर्तियां न के बराबर हुई हैं।
अब सरकार ‘अनुबंध नीति’ को खत्म कर ‘ट्रेनिंग भर्ती योजना’ के नाम पर युवाओं को गुमराह कर रही है। इस योजना के तहत चयनित अभ्यर्थियों को दो साल तक प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके बाद उन्हें फिर से परीक्षा देनी होगी, जिसके बाद ही वे नियमित हो सकेंगे।

युवाओं का आरोप है कि यह नीति न्यायालय के निर्देशों के भी खिलाफ है। हाईकोर्ट पहले ही निर्देश दे चुका है कि नियमित भर्ती की जाए, लेकिन सरकार कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर रही है।
युवाओं की चेतावनी:
बेरोजगार युवाओं ने चेतावनी दी है कि यदि यह योजना वापस नहीं ली गई तो वे बड़े स्तर पर सड़कों पर उतरेंगे और प्रदेशभर में उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल उनका नहीं, बल्कि प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य का सवाल है।
विपक्ष का हमला:
विपक्षी दलों ने भी सरकार की इस नीति को युवाओं के साथ धोखा बताया है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार रोजगार देने के बजाय भर्ती प्रक्रिया को और जटिल बना रही है, जो युवाओं के साथ अन्याय है।
ट्रेनिंग भर्ती योजना को लेकर प्रदेश का माहौल गरमाता जा रहा है। अब देखना होगा कि सरकार युवाओं के आक्रोश को कैसे संभालती है - क्या संशोधन करेगी या योजना को वापस लेगी ?