शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश में OPS (ओल्ड पेंशन स्कीम) की गारंटी देकर सत्ता में आई सुक्खू सरकार के खिलाफ HRTC (हिमाचल पथ परिवहन निगम) के पेंशनरों का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। अप्रैल 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए करीब 250 कर्मचारियों को अब तक पेंशन नहीं मिली, जबकि बाकी पेंशनरों को भी हर महीने भुगतान में देरी झेलनी पड़ रही है। सितम्बर महीने की पेंशन अब तक जारी नहीं हुई है, जिससे हजारों पेंशनर नाराज हैं।

बुधवार को HRTC पेंशनरों ने शिमला में संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विशाल धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि OPS बहाली के नाम पर सत्ता में आई सरकार पेंशनरों के साथ अन्याय कर रही है।

संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष देवराज ठाकुर ने कहा कि HRTC पेंशनरों की करोड़ों रुपये की वित्तीय देनदारियां सरकार के पास लंबित हैं। अप्रैल 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं मिला है। इसके अलावा 2016 के नए वेतनमान का एरियर, डीए (महंगाई भत्ता) और मेडिकल बिलों का भुगतान भी महीनों से अटका हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द इन समस्याओं का समाधान नहीं किया तो आंदोलन को प्रदेशव्यापी रूप दिया जाएगा।

देवराज ठाकुर ने कहा - “एचआरटीसी पेंशनरों का सब्र अब टूट चुका है। सरकार हमारी वर्षों की मेहनत का अपमान कर रही है। हम अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।”
हिमाचल प्रदेश में करीब आठ हजार HRTC पेंशनर हैं। इनमें से बड़ी संख्या में बुजुर्ग कर्मचारी हैं, जिनके लिए पेंशन ही जीवनयापन का एकमात्र सहारा है। पेंशन और मेडिकल बिलों के भुगतान में हो रही देरी ने इन पेंशनरों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। पेंशनरों ने साफ कहा है कि अगर सरकार ने उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे शिमला से लेकर मंडी, कांगड़ा और सिरमौर तक चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे।

इस विरोध ने हिमाचल में OPS बहाली और वित्तीय प्रबंधन पर सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि जब सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का दावा किया था, तो HRTC पेंशनरों को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा।
