वैश्विक बाजारों में तेज उतार-चढ़ाव के बीच सोने ने एक बार फिर अपना दबदबा साबित कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड और सिल्वर दोनों की कीमतें तीन हफ्ते के ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी हैं, जिससे निवेशकों की उम्मीदें और बढ़ी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले महीनों में यह तेजी और तीव्र हो सकती है। बड़े वित्तीय संस्थानों और सेंट्रल बैंकों के अनुमान बताते हैं कि 2026 तक सोना अपने ऐतिहासिक रिकॉर्ड को तोड़ते हुए $5, 000 प्रति औंस तक पहुंच सकता है। इसका सीधा अर्थ है कि भारतीय बाजार में 10 ग्राम सोने का दाम ₹1, 59, 000 तक जाने की संभावना है। मौजूदा हालात और वैश्विक संकेतों को देखते हुए गोल्ड निवेशकों के लिए 20% तक रिटर्न की उम्मीद जताई जा रही है। इस रिपोर्ट में समझें, आखिर किन कारणों से सोना नई उड़ान भर सकता है। पढ़ें विस्तार से..
अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बार फिर सोने-चांदी की चमक बढ़ने लगी है। गोल्ड और सिल्वर दोनों ही तीन हफ्ते के ऊंचे स्तर पर पहुंच चुके हैं। ग्लोबल विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले सालों में सोने की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिल सकता है। यदि मौजूदा रुझान जारी रहता है, तो 2026 तक गोल्ड की कीमतें $5, 000 प्रति औंस के ऐतिहासिक स्तर को छू सकती हैं, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार में 10 ग्राम सोने की कीमत को ₹1, 59, 000 तक पहुंचा सकता है। यह निवेशकों के लिए लगभग 20% रिटर्न का संकेत देता है।
मौजूदा कीमतें क्या बता रही हैं?
गोल्ड बाजार फिलहाल तेज रफ्तार में है। Comex Gold Futures (दिसंबर डिलीवरी) 0.45% की बढ़ोतरी के साथ $4, 140.75 प्रति औंस पर पहुंच गया है, जबकि सिल्वर फ्यूचर्स भी 0.08% मजबूत होकर $50.35 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहे हैं। भारतीय बाजार में बात करें तो मुंबई में 24 कैरेट सोना ₹1, 23, 830 प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट ₹1, 13, 510 प्रति 10 ग्राम, और चांदी ₹1, 57, 100 प्रति किलो के स्तर पर बनी हुई है। ये आंकड़े इस तेजी की मजबूत नींव बताते हैं।
आखिर क्यों चढ़ रहे हैं सोने के दाम?
Kotak Securities की कमोडिटी विशेषज्ञ कैनात चैनवाला के अनुसार, सोमवार को स्पॉट गोल्ड लगभग 3% उछलकर $4, 116.7 प्रति औंस तक पहुंच गया। इसकी प्रमुख वजह अमेरिका में सरकारी शटडाउन का अंत है, जिससे अब आर्थिक डेटा जारी होंगे। यह डेटा आर्थिक मंदी की पुष्टि कर सकता है, और ऐसी स्थिति में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना और मजबूत हो जाती है। रेट कट की अटकलें ही सोने को नई मजबूती दे रही हैं।बाजार अनुमान लगा रहा है कि दिसंबर में 64% और जनवरी में 77% संभावना है कि फेड ब्याज दरों में कटौती करेगा — जो गोल्ड के लिए बड़ा पॉजिटिव फैक्टर है।
सेंट्रल बैंकों की तरफ से मिल रहा जबरदस्त सपोर्ट
सोने की तेजी की एक और बड़ी वजह वैश्विक सेंट्रल बैंकों की आक्रामक खरीदारी है। चीन का सेंट्रल बैंक लगातार 12वें महीने अपने गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहा है, जो अब 74.09 मिलियन औंस तक पहुंच गया है। वहीं, वैश्विक सेंट्रल बैंकों ने 2025 की तीसरी तिमाही में 220 टन सोना खरीदा, जो पिछली तिमाही की तुलना में 28% ज्यादा है।गोल्ड ETF में भी लगातार पांचवें महीने इनफ्लो देखने को मिला है, सिर्फ अक्टूबर में ही 54.9 टन गोल्ड जोड़ा गया। इन आंकड़ों से साफ है कि निवेशकों और संस्थानों का भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है।
2026 पर एक्सपर्ट्स का बड़ा अनुमान
Augmont की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी कहती हैं कि गोल्ड अभी $4, 150 यानी करीब ₹1, 25, 000 के आसपास है। कुछ समय कीमतें स्थिर रह सकती हैं, लेकिन अगले चरण में तेज उछाल की पूरी संभावना है।JP Morgan की ताजा रिपोर्ट इससे भी बड़ा दावा करती है। बैंक का मानना है कि 2026 में सोना $5, 000 प्रति औंस के स्तर तक पहुंच सकता है। वहीं ब्लूमबर्ग से बातचीत में JP Morgan के ग्लोबल हेड ऑफ मैक्रो एंड फिक्स्ड इनकम स्ट्रेटजी एलेक्स वुल्फ ने कहा कि 2026 के अंत तक गोल्ड की कीमतें $5, 200–$5, 300 प्रति औंस तक जा सकती हैं। इसका मतलब है कि मौजूदा स्तर से 20% से अधिक की बढ़त संभव है।
नतीजा: निवेशकों के लिए बड़ा अवसर?
बाजार की चाल, सेंट्रल बैंकों की खरीद, गोल्ड ETF में इनफ्लो और रेट कट की बढ़ती उम्मीदें — ये सभी संकेत एक ही दिशा में इशारा कर रहे हैं। सोना आने वाले महीनों में नई ऊंचाइयों को छू सकता है। अगर अनुमान सही बैठे, तो 2026 तक भारत में 10 ग्राम सोने का भाव 1.59 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।