शिमला में जमीनी विवाद को लेकर गोलीकांड, शख्स ने 3 लोगों को मारी गोलियां, तीनो गम्भीर रूप से घायल, IGMC रेफर, पढ़ें पूरी ख़बर.       हिमाचल में 10वीं बोर्ड का रिजल्ट घोषित, 74.61 फीसदी छात्र पास, मेरिट में भी बेटियों ने लहराया परचम, ऐसे चेक करें परिणाम       आज का राशिफ़ल: 07 मई 2024: इन राशियों के लिए मंगलवार का दिन रहेगा बेहद मंगलकारी, हनुमान जी आज बनाएंगे सभी बिगड़े काज..       हिमाचल में आज आएगा 10वीं कक्षा का रिजल्ट : HPSEB ने 10.30 बजे बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस; 95 ​​​​​​​हजार स्टूडेंट्स ने दी थी परीक्षा..       हिमाचल के निर्दलीय विधायकों को झटका: एक जून को नहीं होगा उप चुनाव; BJP के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा से दिया था इस्तीफा, पढ़ें पूरी खबर..       धर्मशाला क्रिकेट मैदान में भारत की पहली हाईब्रिड पिच स्थापित, पढ़ें पूरी खबर.       आज का राशिफल: 03 मई 2024; आज इन राशि के जातकों की चमकेगी किस्मत, धन का मिलेगा बंपर लाभ, जानें आपकी राशि में क्या लिखा है       आज का राशिफ़ल: 02 मई 2024; आज भगवान विष्णु खोलेंगे इन राशियों के भाग्य का द्वार, धन-संपदा में होगी वृद्धि, जानिए कैसा रहेगा आपका दिन..       हिमाचल में बर्फबारी : किन्नौर के ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी , बागवानों की धुकधुकी बढ़ी, करोड़ों के सेब पर खतरा मंडराया, पढ़ें पूरी खबर..       शिमला रिज पर हॉजरी और फूड के स्टाल लगाने पर लगी रोक, हॉजरी या फिर फूड का स्टॉल लगाया तो होगा सारा सामान जब्त, पढ़ें पूरी खबर..      

पंचांग

सोमवार का पंचांग: 11 अप्रैल 2022; जानिए आज का शुभमुहूर्त

April 11, 2022 08:50 AM

शिमलाः ( ओम प्रकाश ठाकुर); हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi)2:- वार (Day)3:- नक्षत्र (Nakshatra)4:- योग (Yog)5:- करण (Karan)

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।

जानिए, सोमवार का पंचांग

* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।

* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।

* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

* इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

सोमवार का पंचांग

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है।

सोमवार के दिन शिव पुराण के अचूक मन्त्र “श्री शिवाये नमस्तुभ्यम’ का अधिक से अधिक जाप करने से समस्त कष्ट दूर होते है. निश्चित ही मनवाँछित लाभ मिलता है।

*विक्रम संवत् 2078, * शक संवत – 1943, *कलि संवत 5123* अयन – उत्तरायण, * ऋतु – बसंत ऋतु, * मास – चैत्र माह, * पक्ष – शुक्ल पक्ष*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर ।

तिथि (Tithi)- दशमी

तिथि का स्वामी – दशमी तिथि के देवता यमराज जी हैं। दशमी तिथि के देवता यमराज जी हैं। यह दक्षिण दिशा के स्वामी है। इनका निवास स्थान यमलोक है।

शास्त्रों के अनुसार यमराज जी मृत्यु के देवता कहे गए हैं। यह भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा के पुत्र है, यमुना अर्थात (यमी) इनकी जुड़वां बहन और मनु इनके भाई कहे गए है। यमराज की पत्नी का नाम देवी धुमोरना तथा इनके पुत्र का नाम कतिला है। यमराज जी का वाहन महिष / भैंसे को माना गया हैं। वे समस्त जीवों के शुभ अशुभ कर्मों का निर्णय करते हैं।

इस दिन इनकी पूजा करने, इनसे अपने पापो के लिए क्षमा माँगने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं, निश्चित ही सभी रोगों से छुटकारा मिलता है, नरक के दर्शन नहीं होते है अकाल मृत्यु के योग भी समाप्त हो जाते है।

इस तिथि को धर्मिणी भी कहा गया है। समान्यता यह तिथि धर्म और धन प्रदान करने वाली मानी गयी है । दशमी तिथि में नया वाहन खरीदना शुभ माना गया है। इस तिथि को सरकार से संबंधी कार्यों का आरम्भ किया जा सकता है।

यमराज जी का समस्त रोगों को बाधाओं को दूर करने वाले मन्त्र :- “ॐ क्रौं ह्रीँ आं वैवस्वताय धर्मराजाय भक्तानुग्रहकृते नम : “॥ की एक माला का जाप अथवा कम से कम 21 बार इस मन्त्र का जाप करें ।

दशमी को परवल नहीं खाना चाहिए।

नवरात्री में आज माँ को इस खाद्य पदार्थ का लगाएं, माँ की मिलेगी असीम कृपा, जानिए नवरात्री में माता के प्रत्येक दिन के भोग

नक्षत्र (Nakshatra)- पुष्य 6.51 AM तक तत्पश्चात अश्लेषा

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- पुष्य नक्षत्र के देवता देव गुरु बृहस्पति और स्वामी शनि देव जी है । अश्लेषा नक्षत्र के देवता सर्प देव एवं नक्षत्र के स्वामी बुध देव जी है।

अश्लेषा नक्षत्र का स्थान आकाश मंडल के नक्षत्रो में 9 वां है। यह कर्क राशि के अंतर्गत आता है। अश्लेशा नक्षत्र के देवता सर्प देव एवं नक्षत्र के स्वामी बुध देव जी है।

अश्लेषा नक्षत्र को गण्ड मूल नक्षत्र कहते है। अश्लेषा नक्षत्र में चंद्रमा की ऊर्जा और सर्प देवता की ताकत है। यह एक कुंडलित सर्प जैसा दिखता है जो कुंडलिनी ऊर्जा का प्रतीक है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों पर जीवनभर बुध व चन्द्र का प्रभाव पड़ता है।

अश्लेषा नक्षत्र सितारा का लिंग महिला है। अश्लेषा नक्षत्र का आराध्य वृक्ष: नागकेसर, तथा स्वाभाव तीक्ष्ण, शोक वाला होता है ।

अश्लेशा नक्षत्र गंड नक्षत्र है अतः व्यक्ति की आयु कम होती है, इसलिए अश्लेशा नक्षत्र का पूर्ण विधि विधान से शांति करवाना आवश्यक होता है।

अश्लेषा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 5 और 9, भाग्यशाली रंग काला – लाल, भाग्यशाली दिन बुधवार होता है । इन्हे नागकेसर के पौधे की सेवा करनी चाहिए तथा घर पर नाग केसर को रखना चाहिए ।

अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे जातको को नित्य तथा अन्य सभी को आज “ॐ सर्पेभ्यो नमःl ” मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए।

योग(Yog) – धृति 12.19 PM तक तत्पश्चात शूल

प्रथम करण : – तैतिल 15.57 PM तक

द्वितीय करण : – गर

गुलिक काल : – दोपहर 1:30 से 3 बजे तक ।

दिशाशूल (Dishashool)- सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।

राहुकाल (Rahukaal)-सुबह -7:30 से 9:00 तक।

* सूर्योदय – प्रातः 05:58

* सूर्यास्त – सायं 18:46

विशेष – दशमी को परवल / कदम्बी का सेवन नहीं करना चाहिए।

आज का शुभ मुहूर्त 11 अप्रैल 2022 : अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्‍यरात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 32 मिनट से 06 बजकर 56 मिनट तक। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजे से 6 बजकर 51 मिनट तक। रवि योग पूरे दिन रहेगा।

आज का अशुभ मुहूर्त 11 अप्रैल 2022 :

राहुकाल सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक। सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक यमगंड रहेगा। दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल दोपहर में 12 बजकर 48 मिनट से 1 बजकर 39 मिनट तक और फिर दोपहर में 3 बजकर 21 मिनट से 4 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

आज के उपाय : भगवान विष्णु की पूजा करें, विष्णु स्तोत्र और चालीसा का पाठ करें।-

“हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

Have something to say? Post your comment

पंचांग में और

आज का पञ्चाङ्ग, 18 अक्तूबर 2023; (बुधवार); जानें आज का मुहूर्त और शुभ योग का समय, आज चतुर्थ नवरात्र पर इन मंत्रों का जाप अवश्य करें..

आज का पञ्चाङ्ग, 09 जून 2023; (शुक्रवार); जानें आज का मुहूर्त और शुभ योग का समय

गुरुवार का पंचांग : 08 जून 2023; जानिए आज का शुभ मुहूर्त व राहुकाल का समय..

बुधवार का पञ्चाङ्ग: 07 जून 2023, आज गणेश चतुर्थी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त कब से कब तक, पढ़ें आज का पञ्चाङ्ग..

मंगलवार का पंचांग: 06 जून 2023; जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय..

आज सोमवार का पंचांग: 05 जून 2023; जानें आज का मुहूर्त और शुभ योग का समय

आज का पंचांग: 04 जून 2023; आज ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा, जानें मुहूर्त और शुभ योग का समय..

आज का पंचांग 12 अप्रैल 2023 बुधवार: आज शीतला सप्तमी व्रत, जानें आज के मुहूर्त और शुभ योग

सोमवार का पंचांग : 27 मार्च 2022; जानिए आज के शुभ मुहूर्त का समय..

गुरुवार का पंचांग : 16 मार्च, 2023; देखें आज का शुभमुहूर्त और शुभयोग का समय ..