IGMC की क्रसना लैब का सर्वर दो दिनों से ठप, मरीजों को ऑपरेशन-चैकअप करवाने में आ रही दिक्कतें, समय पर नहीं मिल रही टेस्ट रिपोर्ट, पढ़ें विस्तार से..
शिमला: हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त टेस्ट सुविधा वाली लैब क्रसना लेब का सर्वर ठप हो जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। IGMC की क्रसना लैब का सर्वर 2 दिनों से ठप पड़ा हुआ है। मरीजों को समय पर रिपोर्ट नहीं मिल रही है। ऐसे में मरीजों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। मरीजों को ऑपरेशन व चैकअप करवाना मुश्किल हो रहा है।
हैरानी की बात है कि प्रशासन का भी इसकी ओर ध्यान नहीं है। मरीज यहां पर लाइनों में तो कई घंटे तक खड़े रहते ही है, लेकिन जब रिपोर्ट लेने की बारी आती है तो लैब में तैनात कर्मचारी साफ शब्दों में कहते है कि आप 3 घंटे या 4 घंटे बाद आना तभी रिपोर्टस मिलेगी, जबकि जो समय लैब में रिपोर्टस मिलने का तय है, उसके अनुसार रिपोर्ट नहीं मिलती है।
मरीजों को रिपोर्ट लेने के लिए बार-बार दौड़ाया जा रहा है। यहां स्थिति कुछ इस तरह की भी बन चुकी है कि जब मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं तो वह चिकित्सक से एक बार चैकअप तो जैसे-तैसे करवा लेते है, लेकिन जब चिकित्सक टेस्ट लिखते है तो काफी समय लगता है। अगर कोई मरीज अपना ठीक से चैकअप करवा रहा है तो उन्हें दस सेे 15 दिन लग जाते है। रिपोर्ट के लिए सबसे अधिक समय लगता है। वहीं, अगर तो मरीज का ऑपरेशन होता है तो मरीज दो या तीन महीने से पहले घर नहीं जा पता है।
यहां सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आईजीएमसी प्रशासन अपनी सरकारी लैब में टेस्ट तक की उचित सुविधा का प्रावधान नहीं कर पाया है, जिसके चलते मरीजों को निजी लैब में धक्के खाने पड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि आईजीएमसी में प्रदेश भर से हजारों मरीज अपना उपचार करवाने आते है, ऐसे में टेस्ट की सुविधा का प्रावधान सरकारी लैब में सारा दिन होना चाहिए।
सरकारी लैब में 12 बजे तक ही होते है टेस्ट
आईजीएमसी की सरकारी लैब में सिर्फ 12 बजे तक टेस्ट होते है, उसके बाद मरीजों को क्रसना लैब में भेजा जाता है। क्रसना लैब में मरीज जब लाइनों में खड़े हो जाते है तो अन्य लोगों को गुजरने की जगह तक नहीं मिल पाती है। मरीजों के यह भी सवाल उठ रहे कि प्रशासन सारे टेस्ट सरकारी लैब में क्यों नहीं करवाता है। कृष्णा लैब को त्वजों क्यों दिया जा रहा है।
क्रसना लैब का सर्वर बंद, आईजीएमसी में मरीजों के नहीं हो पाए टेस्ट
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) की निजी क्रसना लैब में शुक्रवार से मरीजों के टेस्ट की जांच नही हो रही है और ना ही 2 दिन पहले हुए टेस्टों की जांच रिपोर्ट मिल रही है। यह लैब सरकार ने टेस्ट के लिए अधिकृत कर रखी है। इसमें सस्ते और सरकार की ओर से तय मुफ्त टेस्ट होते हैं।
शुक्रवार से लैब का सर्वर ठप होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सकों से चेकअप करवाने के बाद मरीज यहां टेस्ट करवाने पहुंचते है लेकिन सर्वर ठप होने की बात कहकर सैंपल लेकर आए मरीजों को लौटा दिया। शुक्रवार से सैकड़ों तीमारदार सर्वर ठीक होने का इंतजार लैब के बाहर जमीन पर बैठकर करते रहे लेकिन देर शाम तक राहत नहीं मिल पाई।
अस्पताल पहुंचे मरीजों का कहना है कि डॉक्टरों के द्वारा बीमारी को लेकर टेस्ट लिखे जा रहे है, लेकिन क्रस्ना लैब में टेस्ट नही हो रहे है। उन्हें प्राइवेट में जाकर हजारों रूपए खर्च करके टेस्ट करवाने पड़ रहे हैं, जिससे उनके पैसे और समय की बरबादी के साथ साथ काफी समस्या उठानी पड़ रही है। तीमारदार अमित, हुकूम सिंह और वीना देवी ने बताया कि अगर सर्वर ठीक नहीं हुआ तो मरीज को काफी दिक्कतें पेश आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि जल्द यह समस्या ठीक की जाए। आईजीएमसी में हर रोज करीब 3000 से अधिक मरीज उपचार करवाने आते हैं।