भारी बारिश के कारण आपदा की मार झेल रहे पहाडों की रानी शिमला में अग्रेजों के समय की हेरिटेज इमारतें भी सुरक्षित नहीं हैं। बारिश ने शहर की प्राचीन ऐतिहासिक भवनों को भी खतरा पैदा कर दिया है। उपनगर समरहिल के समीप स्थित भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी) खतरे की जद में आ गया है। यह पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। बीते सोमवार और मंगलवार को एमएलए क्रॉसिंग के ठीक ऊपर हुए भीषण भूस्खलन के बाद खतरा और बढ़ गया है। बीते साल भी समरहिल के साथ लगते शिव बावड़ी में भूस्खलन की बड़ी घटना हुई थी, जिसमें 20 बेशकीमती जानें गई थीं। पढ़ें पूरी खबर
शिमला : (HD News); हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 136 साल पुरानी वॉयसराय लॉज यानी एडवांस स्टडी के साथ लगती जमीन खिसक गई है। सोमवार और मंगलवार को एमएलए क्रॉसिंग के ठीक ऊपर हुए भीषण भूस्खलन के बाद खतरा और बढ़ गया है। बीते साल भी समरहिल के साथ लगते शिव बावड़ी में भूस्खलन की बड़ी घटना हुई थी, जिसमें 20 बेशकीमती जानें गई थीं। लगातार हो रहे भूस्खलन से बड़े खतरे की आशंका के चलते इसके दीर्घकालीन समाधान के लिए लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पूरे क्षेत्र की जमीन की रिसर्च करवाने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार के साथ मिलकर रिसर्च और सर्वे इन्वेस्टिगेशन का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। गुरुवार को विक्रमादित्य सिंह ने एमएलए क्रॉसिंग का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।
मंत्री ने बताया कि एमएलए क्रॉसिंग-बालूगंज मार्ग बहाल होने में करीब दो हफ्ते का समय लग सकता है और बालूगंज-चौड़ा मैदान सड़क बहाली में भी काफी समय लगेगा। एक निजी न्यूज़ चैनल से एक्सक्लूसिव बातचीत में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अब इन्वेस्टिगेशन का समय आ गया है। क्योंकि हर साल इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। बीते साल शिवबावड़ी में भारी त्रासदी हुई। शिव बावड़ी में एडवांस्ड स्टडीज के एक हिस्से से भूस्खलन हुआ और अब ये घटना हुई है।
विभाग के अधिकारियों और शिमला के डीसी अनुपम कश्यप ने बताया कि एडवांस्ड स्टडीज के ठीक सामने वाले हिस्से में जमीन नीचे बैठ रही है, जिससे खतरे की आशंका बढ़ गई है, इसलिए अब लॉन्ग टर्म सॉल्युशन की तरफ बढ़ना जरूरी है।
वहीं मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की मदद ली जाएगी और सीपीडब्लूडी के साथ मिलकर सर्वे इन्वेस्टिगेशन कर डीपीआर तैयार की जाएगी। डिटेल्ड इन्वेस्टिगेशन के बाद ही आगे बढ़ा जाएगा, बिना रिसर्च के कार्य करना सही नहीं है।
आवाजाही को क्रासिंग पर 15 दिन लग सकते है
एमएलए क्रॉसिंग-बालूगंज मार्ग को लेकर उन्होंने कहा कि ये बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण जंक्शन है, हर रोज हजारों की संख्या में लोगों की आवाजाही रहती है जिनमें छात्रों की संख्या अधिक है, इसलिए इस सड़क की जल्द बहाली जरूरी है लेकिन सड़क बहाल करने के लिए पहाड़ी की खुदाई नहीं की जाएगी, इससे और अधिक मलबा गिरने की आशंका है। सरकार इसके लिए फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था करेगी और इसके तहत भूस्खलन से थोड़ी दूरी पर बालूगंज सड़क को मुख्य मार्ग से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सर्कुलर रोड से जोड़ने के लिए रैंप बनाया जाएगा। बालूगंज-चौड़ा मैदान एमसी की सड़क है, उसे भी जल्द बहाल किया जाएगा।
बीते साल हुआ था बड़ा लैंडस्लाइड
शिमला के समरहिल में बीते साल शिव बावड़ी के पास बड़ा लैंडस्लाइड हुआ था। यहां पर एडवांस स्टडी के पास से लैंडस्लाइड होने के बाद शिव मंदिर पर मलबा गिरा था और 20 लोगों की मौत हो गई थी। अब फिर से जमीन आसपास धंसने लगी है।
गौरतलब है कि इस भवन को अंग्रेजों के समय में तैयार किया गया था। इस भवन को बनाने का काम 1884 में शुरू हुआ था, 1888 में से बनाकर तैयार हुआ। अंग्रेजी हुकूमत में यहां पर तेरह वायसराय यहां पर रहे थे। इसके बाद 1947 से लेकर 1965 तक इसे राष्ट्रपति भवन बनाया गया। राष्ट्रपति भवन को 1965 यहां से बदल दिया, इसके बाद ही इस एडवांस स्टडी का नाम दिया गया। यहां पर देशभर के बड़े शोधार्थी आकर शोध करते हैं।