शिमला : (HD News); डीए-एरियर की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव एवं प्रधान सचिव वित्त को तलब किए जाने की सूचना है। इन दोनों अधिकारियों को न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों के डी.ए.-एरियर से जुड़े विषय पर तलब किया गया है, जिसमें उनको प्रदेश की तरफ से कम्पलाइंस रिपोर्ट देगी होगी। दोनों अधिकारियों को तलब करने का कारण यह है कि जब इससे जुड़ा विषय सुनवाई के लिए लगा था, तो उस दिन प्रदेश की तरफ से कोई अधिकारी एवं अधिवक्ता मौजूद नहीं था।
जानिए क्या पूरा मामला।..
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को विभिन्न राज्यों व यूटी को अनुपालना के बारे में हलफनामा दाखिल करने के लिए 20 अगस्त तक की अंतिम समय सीमा दी थी। अधिवक्ता के. परमेश्वर, जो न्यायालय में न्यायमित्र के रूप में सहायता कर रहे हैं, ने राज्यों द्वारा वर्तमान और सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों को देय भत्तों पर स्रोत पर कर की कटौती का हवाला देकर पीठ ने कहा था कि आयकर अधिनियम के तहत जहां भी भत्तों पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की कटौती से छूट उपलब्ध है, वहां राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि कोई कटौती न की जाए।
बता दें कि न्यायालय ने न्यायिक अधिकारियों को बकाया भुगतान और अन्य लाभों के भुगतान पर सिफारिशों का अनुपालन करने में एक और वर्ष का समय मांगने वाले विभिन्न राज्यों के तर्क को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है तथा शीर्ष अदालत ने चूक करने वाले राज्यों को 20 अगस्त तक अनुपालन की रिपोर्ट देने का निर्देश दिए हुए थे साथ ही उनके मुख्य सचिवों और वित्त सचिवों को 23 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि देश भर में न्यायिक अधिकारियों की सेवा शर्तों में एकरूपता बनाए रखने की जरूरत है। सीजेआइ की बेंच में सुनवाई के दौरान मिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता के.परमेशर ने कोर्ट को सूचित किया कि 15 राज्यों और यूटी ने अदालती निर्देशों की पालना नहीं की है।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव (सीएस) और वित्त सचिवों को 27 अगस्त को व्यक्तिश: कोर्ट में तलब किया है। चीफ जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यायिक अधिकारियों को बकाया भुगतान के बारे में अदालत के निर्देश की पालना नहीं करने पर यह निर्देश दिए।
कोर्ट ने इन राज्यों के शीर्ष अधिकारियों को किया तलब
पीठ ने हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम, केरल, मेघालय, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, मणिपुर, ओडिशा एवं राजस्थान के शीर्ष अधिकारियों को 23 अगस्त को पेश होने को कहा था। जब इससे जुड़ा विषय सुनवाई के लिए लगा था, तो उस दिन प्रदेश की तरफ से कोई अधिकारी एवं अधिवक्ता मौजूद नहीं था। अब इन राज्यों के मुख्य सचिव (सीएस) और वित्त सचिवों को 27 अगस्त को व्यक्तिश: कोर्ट में तलब किया है।