शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवम् अस्पताल(IGMC) ने अस्पताल में सुरक्षा को बढ़ा दिया है। कलकत्ता में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए फैसला लिया है।
अस्पताल में एक विभाग से दूसरे विभाग में जाने के कई शॉर्ट कट रास्ते है। इन रास्तों का इस्तेमाल अक्सर मरीज या उनके तीमारदार किया करते थे। अब सुरक्षा के मध्य नजर इन शॉर्टकट रास्तों को बंद कर दिया गया है. केवल वार्ड में दाखिल हुए मरीजों के तीमारदार ही इन रास्तों से जा पाएंगे। इस स्थिति में भी मरीज की पूरी जानकारी देनी होगी। यह सभी नए नियम डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते है।
कार्ड के आधार पर मिलेगा प्रवेश
IGMC में सुरक्षा के इंतजामों को पुख्ता करने के लिए कई प्रकार के कदम उठाए जा रहे है। आने वाले समय में मरीज के साथ आए व्यक्ति को अस्पताल एक कार्ड मुहैया करवाएगा। इस कार्ड के आधार पर ही मरीज के साथ आए व्यक्ति को अस्पताल में प्रवेश मिल पाएगा। इसके साथ ही एक भवन से दूसरे भवन को जाने वाले रास्तों में लाइटें लगाई जाएगी। अस्पताल में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरा लगाए जायेंगे और सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।
एडमिशन काउंटर पर देने होंगे 100 रुपये
बताया जा रहा है कि मरीज के दाखिले के वक्त काउंटर पर तीमारदार से कार्ड/पास के लिए 100 रुपये लिए जाएंगे। एक कार्ड पर दो तीमारदार मरीज के साथ रह सकेंगे। वहीं जब मरीज अस्पताल से घर जाएगा तो काउंटर पर कार्ड जमा करने पर यह राशि वापस मिल जाएगी। अस्पताल प्रबंधन ने तीमारदारों से अपील की है कि इस व्यवस्था को लागू करने में प्रशासन का सहयोग करें जिससे मरीजों और अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।