देशभर में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर अब तक की सबसे बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने वकीलों, किसानों, जमींदारों और महिलाओं को झांसे में लेकर करीब 50, 000 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया। फर्जी योजनाओं और बड़े मुनाफे के वादों के जरिए लोगों को निवेश के लिए प्रेरित किया गया और फिर जब इन्वेस्टर्स ने अपना पैसा मांगा तो पैसा वापस करने के बजाय लॉक इन पीरियड बढ़ाने का बहाना रहे हैं। साथ ही आरोपी वेबसाइट रिडिजाइन और कंपनी का नाम बदलने का हवाला दे रहे हैं।
शिमला: क्रिप्टो करेंसी के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में धीरे-धीरे लोग सामने आने लगे हैं। पिंजौर थाने में करीब आधा दर्जन लोगों ने इसकी शिकायत हाल ही में की है और उनमें महिलाएं भी शामिल हैं। ठगों ने पंचकूला जिला के वकीलों से लेकर कोर्ट में काम करने वाले लोग, किसान, जमींदार और महिला वर्ग को अपना निशाना बनाया है। जिन्होंने 10 हजार से लेकर 25 लाख रुपए तक का इन्वेस्टमेंट किया है, लेकिन लोक लाज के कारण वे सामने आने से डर रहे हैं। इसके अलावा ठगी का खेल खेलने वाली कंपनी और उसके पंचकूला समेत ट्राईसिटी में नुमाइंदों द्वारा लोगों को उनका पैसा वापस करने के बजाय लॉक इन पीरियड बढ़ाने का बहाना कर रहे हैं। बहाना में आरोपी वेबसाइट रिडिजाइन और कंपनी का नाम बदलने का हवाला दे रहे हैं।

इस मामले से जुड़े कुछ लोगों ने पुलिस समेत केंद्र सरकार, सीबीआई और ईडी को भी शिकायत दी है, ताकि आरोपी ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
पिंजौर के तुषार शर्मा कालका कोर्ट में पेशे से वकील हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 5 लाख रुपए इन्वेस्ट किया था और डेढ़ साल के लिए लॉक इन पीरियड था। लॉक इन पीरियड मैच्योर होने के बाद पैसा वापस मांगने पर उनके द्वारा अनेक बहाना बनाया जा रहा है। पंचकूला व कालका कोर्ट में काम करने वाले 200 से ज्यादा लोगों ने लाखों रुपए इन्वेस्टमेंट किए हैं।
वकील तुषार शर्मा का कहना है कि 2020-21 के दौरान लग्जरियस प्रो नेटवर्क टोकन यानि कि एलपीएनटी के नाम से क्रिप्टो करेंसी की कंपनी खुली थी। उसके बाद लोगों से पैसा लेकर डॉलर में इन्वेस्ट करवाकर टोकन खरीदा और लोगों की आईडी बनाकर उनके वेबसाइट पर नाम रजिस्टर्ड करते थे। 2021 से लेकर 2023 तक पंचकूला जिला के करीब 500 से ज्यादा लोगों से 10 करोड़ से ज्यादा की इन्वेस्टमेंट करवाई थी।
पिंजोर के तीन केस
1. पिंजौर के कीरतपुर गांव की सुखविंदर कौर ने बताया कि 2021 में उन्होंने अपनी दुकान बेची थी और दुकान बेचने के बाद एलपीएनटी के कर्मियों के झांसे में आकर एक लाख रुपए इन्वेस्ट किया। करीब 6 महीने तक 3 प्रतिशत ब्याज मिला और उसके बाद से लेकर अब एक भी पैसा नहीं मिला।
2. पिंजौर के करणपुर की जसविंदर कौर ने बताया कि 2021 में करीब 3 लाख रुपए इन्वेस्ट करवाया था और बदले में 50 लाख रुपए मिलने का सपना दिखाया था। कर्ज लेकर मैंने इन्वेस्ट तो कर दिया लेकिन अब अपने इन्वेस्ट किए हुए पैसे भी वापस नहीं मिल रहे।
3. पिंजौर के तुषार शर्मा कालका कोर्ट में पेशे से वकील हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 5 लाख रुपए इन्वेस्ट किया था और डेढ़ साल के लिए लॉक इन पीरियड था। लॉक इन पीरियड मैच्योर होने के बाद पैसा वापस मांगने पर उनके द्वारा अनेक बहाना बनाया जा रहा है। पंचकूला व कालका कोर्ट में काम करने वाले 200 से ज्यादा लोगों ने लाखों रुपए इन्वेस्टमेंट किए हैं।
दुबई में ही क्रिप्टो करेंसी के मालिक का ऑफिस
शिकायतकर्ता राजेन्द्र धीमान ने प्रधानमंत्री, सीबीआई, ईडी और पंचकूला पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने और उनके रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को इन्वेस्टमेंट का पैसा कैश, चेक और ऑनलाइन के माध्यम से पेमेंट की। कंपनी का ऑफिस दुबई में है और कंपनी का मालिक भी दुबई में रहता है। उन्होंने दावा किया कि कंपनी के टोकन में निवेश कर कई लोगों ने करोड़ों रुपए और महंगी कारें हासिल की हैं।
हिमाचल में 150 रिश्तेदारों से करवाई इन्वेस्टमेंट, डूबे 27.16 लाख रुपये : राजेंद्र धीमान
क्रिप्टो करेंसी के नाम पर देशभर में फैले महाठगी के जाल में हिमाचल के लोग भी फंसे हैं। राजेंद्र धीमान ने हिमदर्शन समाचार को बताया कि उन्होंने 2021 में पहली बार इन्वेस्टमेंट की थी। शुरुआत में एक-दो महीनों तक डिविडेंड मिला, जिससे उन्हें स्कीम पर भरोसा हो गया। भरोसा इतना बढ़ा कि उन्होंने हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में रहने वाले अपने 150 रिश्तेदारों को भी इसमें निवेश करने के लिए तैयार किया।
साल 2021 से 2022 के बीच, इन सभी लोगों ने मिलकर कुल 27.16 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट किया। अब उन्हें अपने इन्वेस्ट किए पैसे नही मिल रहे है तो सभी निवेशक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। राजेंद्र धीमान कहते हैं कि अधिकांश लोग लोक लाज के कारण सामने आने से डर रहे हैं, जबकि उन्हें पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों की मदद लेनी चाहिए।

हिमाचल ने की थी कार्रवाई शुरुआत..
क्रिप्टो करेंसी मामले से जुड़े एक मामले में हिमाचल के राज्य ने पिछले साल बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अलग से SIT का गठन किया था। जिसमें क्रिप्टोकरंसी के नाम पर सूचीबद्ध मामले में तत्काल मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने इस मामले में बिल्डर को भी गिरफ्तार कर लिया और उसकी संपत्ति भी सील कर दी। ऐसे में सवाल यह है कि इस तरह के मामले में हरियाणा पुलिस विभाग कब कार्रवाई करेगा।