शिमला (HD News): हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र दूसरे ही दिन रणभूमि में तब्दील हो गया। सदन के भीतर सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ गए। मामला सिराज आपदा के दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की टिप्पणी का था, जिस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और लगातार वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष का हमला
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सदन में सीधा आरोप लगाया कि आपदा के गंभीर माहौल में मंत्री नेगी ने “मजाकिया और अमर्यादित” टिप्पणी की, जिससे पीड़ितों की भावनाएं आहत हुईं। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने तो यहां तक कह दिया कि –
> “विपक्ष अब मंत्री की बकवास नहीं सुनेगा। सदन में जब भी नेगी बोलेंगे, विपक्ष बाहर चला जाएगा।”
रणधीर शर्मा ने साफ शब्दों में घोषणा की कि विपक्ष अब मंत्री से न कोई सवाल पूछेगा और न ही उनका वक्तव्य सुनेगा।
मंत्री नेगी का पलटवार
लेकिन मंत्री जगत सिंह नेगी झुकने को तैयार नहीं दिखे। उन्होंने विपक्ष को सीधा ललकारते हुए कहा –
> “भाजपा वोट चोरी करती है, तिरंगे का अपमान करती है और अब सदन की मर्यादा की बात करती है। विपक्ष धमकियों से डराने की भूल न करे। ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।”
नेगी ने साफ कर दिया कि वे लोकतांत्रिक परंपराओं और संविधान की रक्षा करते हुए विपक्ष को कड़ा जवाब देंगे।
मुख्यमंत्री सुक्खू का तीखा प्रहार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष की रणनीति को पूरी तरह एक्सपोज़ करते हुए कहा –
> “भाजपा अब पूरी तरह दिशाहीन हो चुकी है। एक घंटे में चार-चार बार वॉकआउट करना बताता है कि विपक्ष सत्र को गंभीरता से नहीं ले रहा। यह भाजपा के भीतर की हताशा और गुटबाजी का नतीजा है। पार्टी पांच टुकड़ों में बंटी है और सदन में सिर्फ सुर्खियों के लिए नौटंकी कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने आगे भाजपा को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा –
> “पिछली सरकार ने जनता के पैसों का दुरुपयोग किया और हिमकेयर की धनराशि लुटाई। आपदा को लेकर विपक्ष बयानबाजी छोड़कर केंद्र से मदद लाए। सरकार इसके लिए विपक्ष के नेता के साथ मिलकर दिल्ली जाने को भी तैयार है।”
🔴 जनता का सवाल
सदन में यह हंगामा साफ करता है कि सत्ता और विपक्ष दोनों अपने-अपने दावे और पलटवारों से पीछे हटने को तैयार नहीं। लेकिन सवाल ये है कि आपदा और जनता की समस्याओं के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी कितनी जायज़ है ? विपक्ष का बहिष्कार और सरकार का पलटवार - दोनों ने विधानसभा को गरमा तो दिया, पर क्या जनता की आवाज़ दब गई ?