आज देशभर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भाद्रमास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व का विशेष महत्व है। भक्तजन इस दिन व्रत रखते हैं, लड्डू गोपाल का अभिषेक करते हैं और उन्हें माखन-मिश्री, फल, मिठाइयों सहित प्रिय भोग अर्पित करते हैं। मंदिरों और घरों में भजन-कीर्तन और श्रीकृष्ण नाम संकीर्तन से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। पंचांग के अनुसार, आज की अष्टमी तिथि देर रात 9:34 बजे तक रहेगी। इसी के साथ ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति इस दिन को और भी शुभ बना रही है।
आज का पंचांग 
यह पंचांग पारंपरिक ज्योतिषीय गणना और हिन्दू कैलेंडर (पंचांग) की मान्यताओं पर आधारित है। तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त और अन्य विवरण स्थान व समय के अनुसार परिवर्तित हो सकते हैं। अतः किसी भी धार्मिक अनुष्ठान, व्रत या विशेष कार्य से पहले अपने स्थानीय पंडित/ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य लें।
नवग्रहों की स्थिति : आज 16 अगस्त 2025 को चंद्र ग्रह शुक्र की राशि वृषभ में गोचर करेंगे। वृषभ में गोचर करने से पहले चंद्र देव मेष राशि में संचार करेंगे। इसके अलावा मिथुन राशि में शुक्र ग्रह के साथ गुरु देव मौजूद रहेंगे। बता दें कि बुध देव को मिथुन राशि का स्वामी माना जाता है। जबकि बुध की राशि कन्या में मंगल देव मौजूद रहेंगे। सूर्य और बुध ग्रह की बात करें तो वो शनिवार को पूरे दिन चंद्रमा की राशि कर्क में रहेंगे। अन्य ग्रह जैसे कि केतु सिंह राशि में, शनि मीन राशि में और राहु कुंभ राशि में 16 अगस्त को रहने वाले हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह भक्ति, श्रद्धा और जीवन मूल्यों को याद दिलाने का पावन अवसर है। इस दिन व्रत-पूजन, भजन-कीर्तन और सेवा कार्यों के माध्यम से श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। ग्रह-नक्षत्रों की अनुकूलता के साथ यह पर्व जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, परिवार में सुख-समृद्धि और समाज में एकता एवं सद्भाव का संदेश देता है।