22 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज पिठोरी अमावस्या है, जिसे पितरों की शांति और आशीर्वाद के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन महिलाएं 64 योगिनियों की प्रतिमा बनाकर विशेष पूजा करती हैं। मान्यता है कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा संतान और पति की लंबी आयु का वरदान मिलता है। आइए जानते हैं आज के शुभ-अशुभ मुहूर्त, ग्रह-नक्षत्र की स्थिति और खास उपाय।
पिठोरी अमावस्या विशेष – आज का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद शुभ और पावन है। 22 अगस्त 2025 को पिठोरी अमावस्या मनाई जाएगी, जो पितरों को समर्पित मानी गई है। इस दिन महिलाएं 64 योगिनियों की आटे से प्रतिमा बनाकर विशेष पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा संतान और पति को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।
आज का पंचांग
राष्ट्रीय मिति: श्रावण 31, शक संवत् 1947
विक्रम संवत्: 2082
माह: भाद्रपद, कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी
वार: शुक्रवार
सौर मास: भाद्रपद प्रविष्टे 07
हिजरी (मुस्लिम): सफर 27, 1447 हिजरी
ऋतु: शरद ऋतु (सूर्य दक्षिणायण, उत्तर गोल)

🌞 सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: सुबह 5:54 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:53 बजे
🌟 तिथि व नक्षत्र
चतुर्दशी तिथि: पूर्वाह्न 11:54 बजे तक
अमावस्या तिथि का प्रारंभ: इसके बाद
नक्षत्र: आश्लेषा अर्धरात्रि 12:17 बजे तक, फिर मघा का प्रारंभ
योग: वरीयान दोपहर 2:35 बजे तक, उसके बाद परिधि
करण: शकुनि 11:57 बजे तक, उसके बाद नाग करण
🌙 चंद्रमा की स्थिति
रात्रि 12:17 बजे तक कर्क राशि
इसके बाद सिंह राशि में प्रवेश
🙏 आज के व्रत एवं त्योहार
पितृकार्येषु अमावस्या
पिठोरी अमावस्या (मध्याह्न काल)
शरद ऋतु का प्रारंभ
✅ आज का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:26 – 5:10
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:34 – 3:26
निशीथ काल: रात्रि 12:02 – 12:46
गोधूलि बेला: शाम 6:53 – 7:15
⚠️ आज का अशुभ मुहूर्त
राहुकाल: सुबह 10:30 – 12:00
गुलिक काल: सुबह 7:30 – 9:00
यमगंड: दोपहर 3:30 – 4:30
अमृत काल: सुबह 7:31 – 9:09
दुर्मुहूर्त: सुबह 8:30 – 9:22
🌿 आज का विशेष उपाय
आज सूर्योदय से पहले पीपल के वृक्ष की पूजा करें। कच्चा दूध जल में मिलाकर पीपल के पेड़ पर अर्पित करें। मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
22 अगस्त 2025 का दिन पितरों की स्मृति और पूजा को समर्पित है। आज का दिन पुण्य अर्जन, व्रत, दान और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए विशेष महत्व रखता है। सही समय पर पूजा-पाठ और शुभ मुहूर्त का पालन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति प्राप्त होती है।
⚖️ डिस्क्लेमर
यह पंचांग, राशिफल और धार्मिक जानकारी पारंपरिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या निर्णय से पूर्व अपने गुरु, पुरोहित या विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
