आज का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज राधा अष्टमी का पावन व्रत है। इसी के साथ श्री महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ, दधीचि जयंती और दूर्वाष्टमी जैसे विशेष पर्व भी मनाए जा रहे हैं। इस दिन अष्टमी तिथि, अनुराधा नक्षत्र और वैधृति योग का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है। पंचांग के अनुसार आज सूर्योदय प्रातः 5:58 बजे और सूर्यास्त सायं 6:44 बजे होगा। राहुकाल सायं 4:30 से 6:00 बजे तक रहेगा, इसलिए इस दौरान शुभ कार्यों से बचें। पढ़ें विस्तार से..

आज का पंचांग : 31 अगस्त 2025
आज राधा अष्टमी का पावन व्रत है। इस दिन श्री राधाष्टमी, महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ, दधीचि जयंती और दूर्वाष्टमी जैसे महत्वपूर्ण पर्व मनाए जा रहे हैं। साथ ही अष्टमी तिथि, अनुराधा नक्षत्र और वैधृति योग का संयोग विशेष फलदायी माना जा रहा है। राहुकाल आज सायं 4:30 से 6 बजे तक रहेगा, इस समय किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए..
🌸 आज की तिथियाँ और विशेष जानकारी
राष्ट्रीय मिति – भाद्रपद 09, शक संवत 1947
विक्रम संवत – 2082, भाद्रपद शुक्ल अष्टमी, रविवार
सौर मास – भाद्रपद मास प्रविष्टे 16, रवि उल्लावल 07
हिजरी संवत – 1447 (इस्लामी कैलेंडर)
अंग्रेजी तिथि – 31 अगस्त 2025 ई.
सूर्य स्थिति – दक्षिणायन, उत्तर गोल, शरद ऋतु
चंद्र स्थिति – दिन-रात वृश्चिक राशि पर संचार
🌞 सूर्योदय व सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – प्रातः 5:58 बजे
सूर्यास्त – सायं 6:44 बजे
🌟 तिथि, नक्षत्र और योग
अष्टमी तिथि – रात्रि 12:58 बजे तक, उसके बाद नवमी तिथि का आरंभ
अनुराधा नक्षत्र – सायं 5:27 बजे तक, तत्पश्चात ज्येष्ठा नक्षत्र
वैधृति योग – अपराह्न 3:59 बजे तक, फिर विष्कुंभ योग प्रारंभ
करण – विष्टि कर 11:53 पूर्वाह्न तक, उसके बाद बालव करण
🕉️ आज के व्रत व पर्व
श्री राधाष्टमी
श्री महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ
दधीचि जयंती
श्री दूर्वाष्टमी
गण्डमूल दोष सायं 5:27 बजे से
✅ शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – 4:29 से 5:14 प्रातः
विजय मुहूर्त – 2:29 से 3:20 अपराह्न
निशीथ काल – 11:59 रात्रि से 12:44 रात्रि
गोधूलि बेला – 6:44 से 7:06 सायं
❌ अशुभ मुहूर्त
राहुकाल – 4:30 से 6:00 सायं
गुलिक काल – 3:30 से 4:30 अपराह्न
यमगंड – 12:00 से 1:30 अपराह्न
अमृत काल – 10:45 से 12:21 प्रातः
दुर्मुहूर्त काल – 5:02 से 5:53 प्रातः
भद्राकाल – 5:59 से 11:54 प्रातः
🔮 आज का विशेष उपाय
आज के दिन शनि चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी रहेगा। इससे जीवन के कष्ट दूर होंगे और शनि कृपा से कार्यों में सफलता मिलेगी।
आज का दिन केवल धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति के कारण भी अत्यंत शुभ है। राधा अष्टमी और महालक्ष्मी व्रत का पालन जीवन में सुख-समृद्धि और आशीर्वाद प्रदान करता है। वहीं दधीचि जयंती और दूर्वाष्टमी जैसे पर्व आध्यात्मिक साधना और पुण्य अर्जन के अवसर हैं। शुभ मुहूर्तों में किए गए कार्य सफलता दिलाते हैं, जबकि राहुकाल और अशुभ काल से बचना आवश्यक है। आज के दिन शनि चालीसा का पाठ करने से शनि दोष शांत होंगे और जीवन की बाधाएं दूर होंगी।