शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को राजधानी शिमला के शेरे पंजाब चौक पर समिति की कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विरोध जताया। समिति ने राज्य सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने और पुलिस प्रशासन पर धीमी कार्रवाई के आरोप लगाए।
फलमा चौहान ने कहा - कुल्लू, हमीरपुर और चंबा की घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार किया
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव फलमा चौहान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कुल्लू, हमीरपुर और चंबा जिलों में महिलाओं के साथ हुई घटनाओं ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में पुलिस की कार्रवाई बेहद धीमी रही और सरकार का रवैया भी संवेदनहीन रहा। फलमा चौहान ने कहा कि अगर सरकार अब भी नहीं चेती तो ऐसी घटनाओं पर रोक लगाना मुश्किल होगा।
उनका कहना था कि सरकार को अब महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस नीति अपनानी चाहिए, ताकि अपराधियों को जल्द सजा मिल सके और समाज में डर का माहौल बने। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में आज भी महिलाओं को असुरक्षित महसूस करना पड़ रहा है।

नुक्कड़ नाटक के ज़रिए किया प्रशासन की नाकामी का प्रदर्शन
धरना स्थल पर महिला कार्यकर्ताओं ने नुक्कड़ नाटक के ज़रिए समाज और सरकार को संदेश देने की कोशिश की। नाटक के माध्यम से महिलाओं ने दिखाया कि कैसे प्रशासन और पुलिस की सुस्ती के कारण पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी होती है। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार केवल भाषणों में महिला सशक्तिकरण की बातें करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है।
समिति की चार प्रमुख मांगें सरकार के सामने रखी गईं
प्रदर्शन के दौरान जनवादी महिला समिति ने सरकार से चार प्रमुख मांगें रखीं।
पहली, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों में त्वरित जांच और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
दूसरी, हर जिले में महिला हेल्प डेस्क और फास्ट ट्रैक कोर्ट को सक्रिय किया जाए।
तीसरी, महिला उत्पीड़न मामलों में पुलिस की जवाबदेही तय की जाए।
चौथी, महिला सुरक्षा जागरूकता अभियान को स्कूलों और कॉलेजों तक पहुँचाया जाए।
फलमा चौहान ने कहा कि अगर इन मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो समिति राज्यभर में आंदोलन को तेज करेगी।
राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
फलमा चौहान ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई, तो समिति आने वाले दिनों में राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा केवल चुनावी वादों का हिस्सा नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, "हम न्याय, सुरक्षा और समानता की मांग कर रहे हैं। अगर सरकार ने आवाज नहीं सुनी तो सड़क से विधानसभा तक जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।"
शिमला में हुआ यह प्रदर्शन इस बात का प्रतीक है कि हिमाचल की महिलाएं अब चुप नहीं रहेंगी। वे अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतर चुकी हैं। जनवादी महिला समिति ने साफ किया है कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
