आज का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्व लेकर आया है। मार्गशीर्ष मास के क्रम में पड़ने वाली यह पौष कृष्ण प्रतिपदा अनेक शुभ संयोजनों और परिवर्तनशील ग्रहस्थितियों के साथ विशेष फलदायी मानी जाती है। सूर्य–चन्द्रमा की गतियों, नक्षत्र–योगों तथा शुभ मुहूर्तों के आधार पर दिनभर के कार्यों की योजना बनाना अत्यधिक उपयोगी सिद्ध होता है। प्रस्तुत पंचांग में आज का संपूर्ण तिथ्यात्मक विवरण, शुभ-अशुभ समय और दिन को सफल बनाने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन सम्मिलित है।
🌞 आज मार्गशीर्ष मास की 14वीं तिथि, शक संवत 1947, तथा विक्रम संवत 2082 के अनुसार पौष कृष्ण प्रतिपदा का पावन दिन है। सौर मान से मार्गशीर्ष मास प्रविष्टे 20 तथा मुस्लिम कैलेंडर अनुसार आज जमादि–उल्लावल 13, हिजरी 1447 है। ये सभी गणनाएँ आज के दिन को अत्यंत शुभ व आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती हैं। अंग्रेजी तिथि के अनुसार आज 5 दिसम्बर 2025, शुक्रवार है।

🌅 सूर्य की गति एवं ऋतु संकेत सूर्य देव दक्षिणायन मार्ग पर, दक्षिण गोल में संचार कर रहे हैं और प्रकृति पर हेमन्त ऋतु का सौम्य प्रभाव विद्यमान है। यह काल आध्यात्मिक साधना, आरोग्य और मन:शांति के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है।
⏳ तिथि, नक्षत्र एवं योग प्रतिपदा तिथि रात्रि 12:46 बजे तक रहेगी, जिसके बाद द्वितीया तिथि का आरंभ होगा। आज का नक्षत्र रोहिणी है, जो रात्रि 12:33 बजे तक प्रभावी रहेगा, तत्पश्चात मृगशिरा नक्षत्र का प्रवेश होगा—दोनों ही नक्षत्र शुभ कर्मों एवं स्थिरता देने वाले माने जाते हैं। सिद्धि योग प्रातः 8:08 बजे तक रहेगा, इसके बाद साध्य योग प्रारंभ होगा, जो कर्मसिद्धि व सफलता प्रदान करने वाला है। करण क्रम में बालव करण दोपहर 2:48 बजे तक और उसके बाद तैतिल करण रहेगा।

🌙 चन्द्रमा की स्थिति चन्द्रमा देव आज रात्रि 10:15 बजे तक वृष राशि में और उसके बाद मिथुन राशि में संचार करेंगे। वृष से मिथुन की यह यात्रा मन में परिवर्तन, विचारों की स्पष्टता और कार्यों में गतिशीलता लाती है।
🌄 सूर्योदय–सूर्यास्त आज सूर्योदय सुबह 6:59 बजे तथा सूर्यास्त शाम 5:24 बजे होगा। दिन-रात की यह संख्या आज के मुहूर्तों और पूजा-साधना के लिए विशेष महत्त्व रखती है।
✨ आज के शुभ मुहूर्त • ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 5:11 से 6:05 बजे तक (ध्यान, जप, साधना हेतु सर्वोत्तम) • विजय मुहूर्त – दोपहर 1:56 से 2:37 बजे तक • निशीथ काल – रात्रि 11:45 से 12:39 बजे तक • गोधूलि बेला – सायं 5:21 से 5:49 बजे तक
⚠️ अशुभ मुहूर्त • राहुकाल – प्रातः 10:30 से 12:00 बजे • गुलिक काल – प्रातः 7:30 से 9:00 बजे • यमगण्ड – दोपहर 3:30 से 4:30 बजे • अमृत काल – प्रातः 8:17 से 9:35 बजे • दुर्मुहूर्त – सुबह 9:04 से 9:46 बजे
इन समयों में नए या महत्वपूर्ण कार्य करने से पारंपरिक रूप से वर्जना मानी जाती है।

🙏 आज का उपाय आज लक्ष्मी चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ अवश्य करें। माता लक्ष्मी की कृपा से घर-परिवार में समृद्धि, स्थिरता और शुभता का वास होता है।
⚠️ डिस्क्लेमर
इस पंचांग में दी गई सभी जानकारी पारंपरिक हिंदू ज्योतिषीय गणनाओं और उपलब्ध पंचांग स्रोतों पर आधारित है। मुहूर्त एवं तिथियाँ भौगोलिक स्थिति के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पूर्व स्थानीय पंचांग या योग्य ज्योतिषी से सलाह लेना उचित रहेगा। यहाँ प्रस्तुत विवरण केवल सामान्य धार्मिक–ज्योतिषीय मार्गदर्शन हेतु है।