ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष सबसे बड़ा दोष माना जाता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति जीवन में काफी उतार-चढ़ाव महसूस करता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है उसे धन की कमी से लेकर मानसिक तनाव तक झेलने पड़ते हैं। पितृदोष व्यक्ति के जीवन में हमेशा तरक्की में बाधा बना रहता है।
Himdarshan.com आपको बताने जा रहा है कम खर्च में आसान 11 उपाय, जो आपके जीवन की तकदीर और तस्वीर बदल देंगे। इससे पितृ दोष दूर होगा, वहीं पितृ प्रसन्न भी रहेंगे।
1. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो उसके घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने पूर्वजों का फोटो लगाकर उस पर हार-माला चढ़ाकर रोज उनका स्मरण करना चाहिए। इससे अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलेगा, वहीं दोष भी दूर होने लगेगा।
2. अपने पूर्वजों के निधन की तिथि पर जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को श्रद्धा पूर्वक भोजन कराएं। उस भोजन में पूर्वजों के पसंद की वस्तु जरूर रखें।
3. संभव हो सके तो अपने सामर्थ्य के मुताबिक गरीबों को कपड़े और अन्न का दान करें। इससे भी दोष दूर होता है और तरक्की के रास्ते खुलने लगते हैं।
4. घर के आसपास पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल चढ़ाएं, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय जनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगना चाहिए।
5. शाम के वक्त दीप जलाएं और नाग स्तोत्रं, महामृत्युंजय मंत्र अथवा रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र और नवग्रह स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे पितृ दोष शांति होता है।
6. सोमवार की सुबह स्नान करके शिव मंदिर में आक के 21 फूल, दही, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम हो जाता है और मन में खुशियां महसूस होने लगती हैं।
7. रोज अपने इष्ट देव व कुल देव की पूजा करने से भी पितृ दोष दूर हो जाता है।
8. कुंडली में पितृदोष होने पर किसी भी गरीब कन्या का विवाह या उसकी बीमारी में मदद करने से भी पितृ दोष दूर हो जाता है।
9. ब्राह्मणों के लिए गोदान करें, गर्मी में पानी पिलाने के लिए कुएं खुदवाएं अथवा राहगीरों को ठंडा पानी पिलाने से भी इस दोष से छुटकारा मिल जाता है।
10. पीपल और बरगद का पेड़ लगाएं। विष्णु भगवान के मंत्र जप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से भी पितृ शांत रहते हैं और दोष धीरे-धीरे कम होने लगता है।
11. पितरों के नाम पर गरीब बच्चों की मदद करने और स्वर्गीय जनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, स्कूल धर्मशाला बनाने से भी बेहद लाभ मिलता है।
इस मंत्र से दूर होता है दोष
1. ऊं सर्व पितृ देवताभ्यो नमः ।2. ऊं प्रथम पितृ नारायणाय नमः ।।
क्यों होता है पितृ दोष
जब परिवार के किसी पूर्वज की मौत के बाद उसका ठीक प्रकार से अंतिम संस्कार न होता है या कोई कमी रह जाती है या अपने पूर्वजों के जीवित अवस्था में कोई इच्छा अधूरी रह जाती है तो उनकी आत्मा घर और आने वाली पीढ़ी के लोगों के बीच ही भटकती है। मृत पूर्वजों की अतृप्त आत्मा ही परिवार के लोगों को परेशान करती है और वह अधूरी इच्छा पूरी करने के लिए दबाव डालती है। इसलिए कहा जाता है कि पूर्वजों के कारण वंशजों को होने वाला कष्ट ही पितृदोष है।