अर्की के शहरोल स्थित राजकीय उच्च पाठशाला में शुक्रवार को 75वां गणतंत्र दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही स्कूल परिसर में विद्यार्थियों मे देशभक्ति की भावना देखने को मिली। सेवानिवृत सैनिकों के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ मंच पर देशभक्ति दिखाई। छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति के गीतों पर नृत्य किया। स्कूली बच्चे पूरी तरह से देशभक्ति के रंग में रंगे नजर आए। शहरोल स्कूल में आयोजित प्रत्येक कार्यक्रम देशभक्ति एवं कर्तव्य के प्रति जागरूकता के रंग में रंगा हुआ था। पढ़ें पूरी खबर..
अर्की: (हिमदर्शन समाचार); राजकीय उच्च पाठशाला शहरोल में गणतंत्र दिवस समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय द्वारा ग्राम पंचायत शहरोल के सभी सेवानिवृत आर्मी और पुलिस के व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए सैनिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था।
समारोह के मुख्य अतिथि आर्मी से सेवानिवृत दौलत राम कौंडल गांव कल्याणपुर( चांगर) ने विद्यालय में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर 11 पूर्व सैनिक तथा दो रिटायर्ड पुलिस कर्मियों को विद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया। इस पर्व पर ग्राम पंचायत शहरोल के प्रधान व बहुत से विभिन्न विभागों से सेवानिवृत लोग बच्चों के अभिभावक तथा अन्य विद्यालयों से आए अध्यापक भी उपस्थित रहे।
इस गणतंत्र पर्व पर स्वाधीनता के स्वतंत्रता सेनानियों व संविधान निर्माता को याद किया गया। पाठशाला के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम करके सभी अतिथियों का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि ने अपने भाषण में गणतंत्र दिवस समारोह के महत्व के बारे में बताया तथा बच्चों बच्चों को कहा कि यह मत सोचो कि देश ने तुम्हारे लिए क्या किया यह सोचो कि तुमने देश के लिए क्या किया। यह भावना हमारे मन में होनी चाहिए। अगर देश रहेगा तो हम रहेंगे अगर देश नहीं रहेगा तो हम भी नहीं रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में भी बताया।
इस अवसर पर उपस्थित पूर्व सैनिक राजेंद्र कौंडल व भुवनेश कौंडल ने विद्यालय के लिए एक हॉल का निर्माण करने को कहा जिसे 15 अगस्त से पहले विद्यालयों को सौंप दिया जाएगा। इस पाठशाला के प्रत्येक महोत्सव में समुदाय का बहुत सहयोग रहता है। इस विद्यालय में लोगों द्वारा पहले भी कमरों का निर्माण, मंच निर्माण व माता सरस्वती मंदिर निर्माण जैसे बड़े-बड़े कार्यो को किया है।