शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि तबादला होने पर अगर कर्मचारी समय पर डयूटी ज्वाइन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा है कि आम लोगों को अस्पताल में स्टाफ की जरूरत है। स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक की ओर से हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है। इसमें कहा गया है कि जिन आठ कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं, उनमें से कुछ को रिलीव कर दिया गया है और कुछ को नहीं। जिनको कार्यमुक्त कर दिया गया है, उन्होंने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है। इस मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि शिमला के टिक्कर अस्पताल में स्टाफ की कमी की वजह से क्षेत्र के लोग परेशानी झेल रहे हैं। सरकार की ओर से जिन कर्मचारियों का तबादला यहां पर किया गया है, वह वहां पर ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि क्योंकि यह दूरदराज क्षेत्र है, इसलिए हर कोई यहां आने में आनाकानी करते हैं, जिससे आम जनता को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।
सरकार की ओर से अदालत के आदेशों की अनुपालना करते हुए पिछली सुनवाई के दौरान हलफनामा दायर किया गया था, जिसमें कहा गया कि सीएचसी टिक्कर में एक मेडिकल अधिकारी, दो स्टाफ नर्स, एक मुख्य फार्मेसी अधिकारी, एक नेत्र रोग विशेषज्ञ, एक खंड कार्यक्रम अधिकारी और दो वरिष्ठ सहायकों की नियुक्तियों के आदेश दिए गए हैं। कुछ पदों पर अभी भी नियुक्तियां की जानी बाकी हैं। उसके बावजूद इन कर्मचारियों और अधिकारियों ने वहां पर ज्वाइन नहीं किया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 10 दिसंबर को सरकार को स्टाफ की नियुक्तियों के आदेश दिए थे।