शिमला में भीषण गर्मी ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। शिमला वालों को पानी की किल्लत और भीषण गर्मी की दोहरी मार पड़ रही है। यहां कई इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। टैंकर पहुंचते ही इंतजार में बैठे लोग टूट पड़ते हैं और मिनटों में पानी साफ हो जाता है। लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। शहर के लगभग सभी हिस्सों में 3 से 4 दिन बाद पानी आ रहा है, कई इलाकों में 6 से 7 दिन में एक बार पानी मिल रहा है कुछ इलाके में लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। होटल व होमस्टे कारोबारियों को पानी खरीदना पड़ रहा है। शहर से लगते ग्रामीण इलाकों में 3 से चार दिन बाद पानी आ रहा है। भीषण गर्मी के चलते पहाड़ों की रानी में पानी को लेकर लूट की स्थिति बन गई है। जल संकट से पर्यटन कारोबारी विशेषकर होटलियर खासे परेशान हैं। टूरिस्ट सीजन के चलते शहर के होटल पैक हैं और पानी की सप्लाई ठप। जल संकट के चलते प्राइवेट वाटर टैंकर ऑपरेटरों ने रेट दोगुने कर दिए हैं। पढ़ें पूरी ख़बर..
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आम जनता को तीसरे और चौथे दिन पानी मिल रहा है लेकिन लोग अब पानी की किल्लत के साथ ही इसकी सप्लाई टाइमिंग से भी परेशान हो गए हैं। पानी ने लोगों की नींद हराम कर दी है। कंपनी तीसरे व चौथे दिन जो पानी दे रही है यानी दिन या रात किसी भी समय लोगों को वार्डों में वाटर सप्लाई दी जा रही है। जल प्रबंधन कंपनी का कहना है कि पेयजल परियोजनाओं में पानी सूखने से लिफ्टिंग कम हो गई है। ऐसे में जल भंडारण टैंकों में सप्लाई देने के लिए वाटर लेवल नहीं बन पा रहा है।
एक टैंक को भरने के लिए 6 से 7 घंटे लग रहे हैं। ऐसे में जैसे ही जल भंडारण टैंकों में वाटर लेवल बनता है, वैसे ही आगे वार्डों में सप्लाई छोड़ी जा रही है। प्रैशर कम होने के कारण शहर में सप्लाई टाइमिंग बिगड़ गई है। इससे लोगों को आधी रात के बाद व दोपहर में पानी की सप्लाई दी जा रही है। टुटू, मज्याठ क्षेत्र में वीरवार शाम को साढ़े 11 बजे के बाद से वाटर सप्लाई शुरू की गई जबकि कई जगहों पर 2 बजे से तीन बजे आपूर्ति दी गई है। लोगों को पानी भरने के लिए जागना पड़ रहा है। 34 वार्डों में पानी की अलग-अलग टाइमिंग है। हर वार्ड में पानी की आपूर्ति 4 से 6 घंटे तक दी जा रही है लेकिन इसमें प्रैशर कम होने से लोगों की टंकियां नहीं भर रही हैं।
वहीं गिरि से पानी लिफ्ट करने के लिए पहले नदी में बड़ा गड्ढा करना पड़ रहा है, इसमें पानी को डायवर्ट किया जा रहा है ताकि इसके भरते ही इससे पानी को लिफ्ट किया जा रहा है। जल प्रबंधन कंपनी का कहना है कि परियोजनाएं सूख गई हैं। ऐसे में कंपनी के कर्मचारी, कीमैन से लेकर फील्ड स्टाफ, जेई व अन्य अधिकारी दिन-रात काम पर लगे हुए हैं। ऐसे में जल प्रबंधन कंपनी ने भी में शहर की आम जनता से सहयोग की अपील की है, साथ ही पानी का सदुपयोग करने व बूंद-बूंद बचाने का आह्वान किया है।
वहीं शहरवासी कई दिन से पानी की सप्लाई घटने की शिकायत करते रहे लेकिन सम्बंधित विभाग के अफसर कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की बजाय आचार संहिता के बहाने लोगों को टरकाते रहे है।