सरकार आम जनता को किफायती इलाज उपलब्ध कराने की लगातार कोशिश कर रही है। साथ ही, उसका मकसद रोजगार के अवसर भी बढ़ाना है। केंद्र की 'प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र' (Pradhan Mantri Bhartiya Jan aushadhi Kendra) योजना इन दोनों दिशा में एक अहम पहल है। अगर आप कम पैसों में अपना रोजगार शुरू करना चाहते हैं, तो सरकार की जन औषधि केंद्र स्कीम का लाभ उठा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र 'मोदी की गारंटी' में जन औषधि केंद्रों का विस्तार करने का भी एलान किया है। आइए जानते हैं कि जन औषधि केंद्र खोलने की क्या शर्तें हैं, इसमें कितना निवेश करना होगा और कमाई कितनी होगी?
जन औषधि केंद्र के लिए कैसे करें आवेदन ?
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने की प्रक्रिया काफी आसान है। लेकिन, इसके लिए कुछ खास शर्तों को पूरा करना होता है। सबसे पहली शर्त है, डी. फार्मा या बी. फार्मा का सर्टिफिकेट। साथ ही आपके पास सेंटर खोलने के लिए 120 वर्गफुट की जगह भी होने चाहिए। अप्लाई करने की फीस 5 हजार रुपये है।
इसमें तीन कैटेगरी हैं। पहली कैटेगरी में फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोल सकता है। दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल हैं। तीसरी में उन एजेंसियों को मौका मिलता है, जिन्हें राज्य सरकार ने नॉमिनेट किया हो।
आपकी पूरी मदद करेगी सरकार
आप जब औषधि केंद्र खोल लेंगे, तो आपको सरकार से आर्थिक प्रोत्साहन भी मिलेगा। पांच लाख रुपये तक की दवाओं की मासिक खरीद पर 15 फीसदी या अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति महीना का प्रोत्साहन मिल सकता है। कुछ खास श्रेणियों और क्षेत्रों में बुनियादी खर्च को रिकवर करने के लिए सरकार दो लाख रुपये की एकमुश्त मदद भी देती है।
देश में फिलहाल करीब 11 हजार जन औषधि केंद्र हैं। सरकार ने ऐसे 25 हजार सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है, जिसे अगले साल में हासिल करने की कोशिश की जाएगी।
किसे मिलती हैं किफायती दवाएं ?
जन औषधि केंद्र का मकसद खासतौर पर गरीब और पिछड़े वर्ग के जरूरतमंदों को कम दाम पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराना है। यहां पर जेनेरिक दवाएं (Generic drug) मिलती हैं, जिनके बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
जन औषधि दवाएं भी ब्रांडेड दवाओं की तरह असरदार होती है लेकिन, इनका किसी पास पेटेंट नहीं होता, तो इन पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता और ये कम दाम में मिल जाती हैं।
इस साल 26 जनवरी को लाल किले से अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि शुगर के इलाज पर हर महीने 3 हजार रुपये खर्च हो जाता है। उसकी एक दिन की दवा 100 रुपये की आती है, मगर जन औषधि केंद्र पर यह आपको 10 से 15 रुपये में मिल जाती है।
जन औषधि केंद्र से कितनी कमाई होगी ?
जन औषधि केंद्र में दवाओं की बिक्री पर आपको 20 फीसदी तक कमीशन मिलता है। साथ ही, सरकार हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 फीसदी तक का इंसेंटिव देती है। दुकान खोलने के लिए फर्नीचर और अन्य सामानों के लिए 1.5 लाख रुपये तक की मदद मिल जाएगी। बिलिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर खरीदने में भी सरकार 50 हजार की सहायता करती है।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए कुछ दस्तावेज जरूरी होते हैं। जैसे कि आधार कार्ड, फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर, निवास प्रमाण पत्र। आइए जानते हैं अप्लाई करने का प्रोसेस।
- janaushadhi.gov.in पर जाएं।
- Apply For Kendra पर क्लिक करें।
- नए पेज पर Click Here To Apply चुनें।
- Sign in फॉर्म के नीचे Register now चुनें।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म में मांगी गई जानकारियां भरें।
- राज्य सेलेक्ट करें और आईडी-पासवर्ड सेक्शन में कन्फर्म पासवर्ड डालें।
- टर्म्स एंड कंडीशंस पर टिक करके सबमिट कर दें।