बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। डेबॉक इंडस्ट्रीज (Debock Industries) के शेयरों में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है। सोमवार को भी इसका स्टॉक 11.62 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 6.31 रुपये पर बंद हुआ। यह इसका एक साल का सबसे निचला स्तर है। दरअसल, सेबी ने 23 अगस्त को एक अंतरिम आदेश जारी किया था। इसमें बताया गया कि डेबॉक इंडस्ट्रीज के प्रमोटर्स ने निवेशकों के साथ भारी धोखाड़ी की है।
क्या है पूरा मामला ?
डेबॉक इंडस्ट्रीज की जून 2018 में NSE के 'इनोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म (Innovators Growth Platform) पर लिस्टिंग हुई। चार साल बाद इसे NSE के मेनबोर्ड पर ट्रांसफर कर दिया गया। SEBI के मुताबिक, कंपनी और उसके प्रमोटर्स ने एक सोची-समझी योजना के तहत निवेशकों को धोखा दिया। उन्होंने कंपनी का फंड निकाला और उसका इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया।
डेबॉक ने क्या गड़बड़ी की
डेबॉक इंडस्ट्रीज के प्रमोटर्स ने जानबूझकर वित्तीय आंकड़े बढ़ाकर दिखाए, ताकि कंपनी की आर्थिक सेहत बेहतर नजर आए और निवेशक उसमें भरपूर पैसे लगाएं। कंपनी ने अपने वित्तीय नतीजों को 77 फीसदी तक बढ़ाकर पेश किया। यह सबकुछ जटिल वित्तीय लेनदेन के जरिए किया गया, ताकि आसानी से पकड़ में न आए।
प्रमोटर्स ने क्या खेल किया
SEBI के मुताबिक, लिस्टिंग के बाद डेबॉक इंडस्ट्रीज ने प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए ऑफ-मार्केट में चुपके से प्रमोटरों को शेयर ट्रांसफर किए। फिर प्रमोटरों ने उन्हीं शेयरों को आम पब्लिक को बेच दिया। इससे कंपनी में प्रमोटर होल्डिंग 64.79 फीसदी से घटकर 9.41 फीसदी पर आ गई। वहीं, पब्लिक शेयरहोल्डिंग 35.21 फीसदी से बढ़कर 90.56 फीसदी हो गई।
सेबी ने क्या एक्शन लिया
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने धोखाधड़ी का पता लगते ही फौरन एक्शन लिया। उसने कंपनी, उसके प्रमोटर व CMD मुकेश मानवीर सिंह को शेयर मार्केट से बैन कर दिया। एक अन्य प्रमोटर सुनील कलोट और मुकेश मानवीर सिंह की पत्नी प्रियंका शर्मा पर भी यही एक्शन लिया गया। इन तीनों ने धोखाधड़ी से करीब 90 करोड़ की कमाई की थी, जिसे जब्त भी कर लिया गया है।