पूणे: महाराष्ट्र प्रोद्योगिकी संस्थान वर्ल्ड पीस विश्वविद्यालय में आयोजित 14वें अखिल भारतीय छात्र संसद को सम्बोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि भारतीय राजनितिक दलों तथा राजनेताओं के विचारों में भिन्नता के बावजूद भी भारतीय लोकतन्त्र तथा संविधान मजबूत तथा सर्वोपरी है। समय – समय पर विचारों में परिवर्तन आना, क्रान्तिकारी बदलाव सभी सुशासन को मजबूती प्रदान करने के कारक हैं।
पठानियां ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम रहा है। देश को आजादी दिलाने में अलग – अलग विचारधाराओं ने कार्य किया है। इतिहास गवाह है भगत सिंह, सुखदेव तथा राजगुरू सरीखे नेता गरम दल के थे जबकि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, आचार्य कृपलानी जैसे नेता शांति के अग्रदूत थे लेकिन सभी का मकसद देश को आजाद कराना था। पठानियां ने कहा कि हमारे देश में भिन्न – भिन्न राजनितिक दल तथा राजनितिक विचारधाराएं है लेकिन सभी का मकसद जनहित, मजबूत लोकतन्त्र, राष्ट्र निर्माण है तथा पारदर्शी सुशासन प्रदान करना है।
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छात्रों को सम्बोधित करते हुए पठानियां ने कहा कि हमें इतिहास को आगे नहीं ले जाना है बल्कि इतिहास बनाना है। अगर हम बदलाव की बात करें जब भारत आजाद हुआ तब भारत की आवादी 34 करोड़ थी लेकिन अब यह बढ़कर 134 करोड़ हो गई है। जिससे भारत पर जहाँ आर्थिक बोझ बढा है वहीं संसाधन भी कम हो रहे हैं। पठानियां ने कहा कि राष्ट्र संघ व राज्य से बनता है लेकिन संघ लगातार राज्य की अनदेखी कर रहा है तथा संसाधनों का बंटवारा भी उचित अनुपात में नहीं हो रहा है। उन्होने संघ से आग्रह किया कि वह राज्यों को पोषित करे तथा उनका समुचित हिस्सा उन्हें समय पर दे।
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छात्र संसद में “वाम, दक्षिण या अदृश्य? भारतीय राजनीति में विचारधाराएं” विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलदीप सिंह पठानियां ने कहा कि एम0 आई0 टी0 स्कूल ऑफ गवर्नमेंट (भारत में राजनीतिक नेतृत्व का प्रथम विद्यालय) के मुख्य प्रर्वतक तथा संस्थापक डॉ0 राहुल करड़ ने राष्ट्र निर्माण, राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन, भारतीय छात्र संसद, राष्ट्रीय अध्यापक काँग्रेस, राष्ट्रीय महिला संसद तथा सरपंच संसद के आयोजन की पहल कर लोकतन्त्र की मजबुती की अलख जगाई है। उनके इस काम के दूरगामी परिणाम होंगे तथा राजनीतिक विचारधारा में एक क्रांतिकारी तथा डिजिटल बदलाव आएगा जो भारत को वैश्विक बदलाव के साथ आगे ले जाने के लिए प्रेरित करेगा। इस कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न संस्थानों के दस हजार से अधिक विद्यार्थी मौजूद थे जो आने वाले समय में राष्ट्र निर्माण, मजबुत लोकतन्त्र तथा पारदर्शी सुशासन के ध्वजवाहक बनेंगे। पठानियां ने कहा कि भारतीय छात्र संसद छात्रों को संगठित करने, प्रजातांत्रिक कार्यप्रणाली का ज्ञान विस्तार आने वाली पीढी के नेताओं को नेतृत्व गुणवत्ता प्रदान करने तथा उनमें सत्यनिष्ठा एवं सक्षमता के मुल्य की अनुप्रेरणा कर नेतृत्व निर्माण करेगा जो भारत में बदलाव का मूल कारण बनेगा।
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पठानियां ने कहा कि भारत में अलग – अलग राजनीतिक दलों की विचारधाराएं अलग हो सकती हैं लेकिन सभी पारदर्शी भ्रष्टाचारमुक्त भारत तथा कल्याणकारी सुशासन प्रदान करने की परिकल्पना करते हैं। जिसके लिए संघ तथा भारत को एक होना पड़ेगा। पठानियां ने कहा कि प्रोद्योगिकी भी वैचारिक बदलावों का मुख्य कारण है जिसकी वजह से पुरातन सोच को दर किनार किया जा रहा है। अब हमें भी इस बदलाव को स्वीकार करना होगा तथा नई पीढ़ी को बदलते भारत को सौंपना होगा।
दस हजार छात्रों के इस सम्मेलन को अखिल भारतीय छात्र संगठन (NSUI) के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ0 कन्हैया कुमार, राज्य सभा सांसद ए0आर0 रहमान तथा लोकसभा सांसद राज कुमार रोट ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में भाग लेने आए हि0प्र0 विधान सभा के माननीय सदस्य एवं उप- मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानियां, रणजीत सिंह राणा, मलेन्द्र राजन, विवेक शर्मा, डॉ0 जनक राज, अनुराधा राणा, कमलेश ठाकुर, संजय रत्न, सुरेश कुमार, संजय अवस्थी, इन्द्र दत्त लखनपाल तथा इन्द्र सिंह गांधी भी मौजूद थे।
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