हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम बस किराया अब 10 रुपये हो गया है। चौतरफा विरोध के बावजूद सरकार ने मंत्रिमंडल के न्यूनतम किराये को बढ़ाने के फैसले को लागू कर दिया है। शनिवार को इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन कमलेश कुमार पंत की ओर से अधिसूचना जारी की गई।
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा न्यूनतम बस किराया 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। यह निर्णय जहां सरकार के लिए राजस्व बढ़ाने का जरिया हो सकता है, वहीं आम जनता, विशेषकर गरीब और मध्यम वर्ग के लिए यह बड़ा झटका साबित हो रहा है।

HP Minimum Bus Fare: हिमाचल सरकार ने बढ़ाया बसों को किराया, अब एक किमी सफर करने पर भी देने होंगे 10 रुपये, नोटिफिकेशन जारी
प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस फैसले का विरोध शुरू हो चुका है। कई स्थानों पर छात्रों, मजदूरों और स्थानीय नागरिकों ने प्रदर्शन कर किराया वृद्धि को वापस लेने की मांग की है। लोगों का कहना है कि सरकार ने बिना आम जनता की राय लिए यह फैसला थोप दिया है, जिससे रोजाना बस में यात्रा करने वालों पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा।

क्या कहती है सरकार ?
परिवहन विभाग का कहना है कि डीजल की कीमतों और बसों के रखरखाव के खर्च में वृद्धि के चलते यह कदम जरूरी था। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इससे राज्य परिवहन निगम को घाटे से उबारने में मदद मिलेगी।
जनता की प्रतिक्रिया
न्यूनतम किराए में सीधे 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी से जनता नाराज है। धर्मशाला के एक मजदूर राजेश कुमार का कहना है, “हम दिन भर मेहनत कर 300-400 रुपये कमाते हैं। रोजाना आने-जाने में अब 20 रुपये लगेंगे, तो घर चलाना और मुश्किल हो जाएगा।”

छात्रों ने भी इस फैसले की आलोचना की है। शिमला की एक कॉलेज छात्रा ने बताया, “हम रोज बस से कॉलेज आते हैं, पहले महीने का किराया 200 रुपये लगता था, अब 400 देना पड़ेगा। ये हमारे बजट से बाहर है।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज, नेता प्रतिपक्ष जयराम बोले - गरीब पर बोझ डालने वाला फैसला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार के हालिया फैसलों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह गरीब जनता पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार जनविरोधी नीतियों पर काम कर रही है और आम आदमी की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि महंगाई पहले से ही आसमान छू रही है और अब सरकार द्वारा लिए गए फैसले आम जनता की मुश्किलें और बढ़ा देंगे। उन्होंने मांग की कि सरकार इस निर्णय को तुरंत वापस ले और जनहित को प्राथमिकता दे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।

छोटा सफर करने वालों पर पड़ेगा बोझ
न्यूनतम बस किराया दोगुना होने का सबसे अधिक बोझ छोटा सफर करने वालों पर पड़ने जा रहा है। एक या दो किलोमीटर का सफर करने पर भी लोगों को 10 रुपये किराया चुकाना होगा। अब बीजेपी इसे मुद्दा बना रही है। माकपा ने भी इसका विरोध किया है।