चौड़ा मैदान में जुटे प्रारंभिक शिक्षकों ने आज सरकार पर उनके धरने को विफल करने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया। शिक्षकों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द बातचीत नहीं हुई तो वे कल से शिक्षा निदेशालय के बाहर क्रमिक अनशन शुरू करेंगे। शिक्षकों ने कहा कि अपनी जायज़ मांगों को लेकर वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं और अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।
शिमला: प्रारम्भिक और उच्च शिक्षा का एक निदेशालय बनाने के विरोध में शनिवार को शिमला के चौड़ा मैदान में सैकड़ों शिक्षको ने सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। प्राथमिक शिक्षकों सरकार को चेतावनी दी है कि अगर आज सकारात्मक वार्ता नहीं हो पाती है तो कल से शिक्षा निदेशालय के बाहर क्रमिक अनशन किया जाएगा और स्कूलों में ऑनलाइन काम भी बंद कर दिया जाएगा।

प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि शिक्षा का एक निदेशालय बनाए जाने से शिक्षा में सुधार नहीं बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और नीचे गिर जाएगी। धरने को फ्लॉप करने के लिए उन्हें नोटिस थमाया गया है। छुट्टी को निरस्त करने और छुट्टी न देने के आदेश जारी किए गए। लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रहे। उन्हें धरने की इजाजत नहीं दी गई।

उन्होंने कहा कि 1984 से पहले शिक्षा का एक निदेशालय था जिससे शिक्षा का स्तर काफी खराब था लेकिन इसके बाद दो निदेशालय बनने से हिमाचल प्रदेश शिक्षा में अव्वल रहा। धरने का उद्देश्य शिक्षा को प्रभावित करना नहीं है आज भी स्कूलों में पढ़ाई हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 10 से कम बच्चों वाले स्कूल में एक अध्यापक रखने का निर्णय भी सही नहीं है। अध्यापक नहीं होंगे तो लोग इन स्कूलों में बच्चे नहीं पढ़ाएंगे और यह स्कूल बंद कर दिए जाएंगे। इस तरह से यह भी स्कूल बंद करने की एक मंशा है।
