आज दिनांक 30 मई 2025 को ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। साथ ही आज पुनर्वसु नक्षत्र रात्रि 09:29 बजे तक रहेगा, उसके उपरांत पुष्य नक्षत्र प्रारंभ होगा। आइए जानते हैं आज का विस्तृत पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त, व्रत-त्योहार और दिन को भाग्यशाली बनाने के लिए विशेष उपाय।
पंचांग : 30 May 2025 : आज ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्षी की चतुर्थी तिथि है। साथ ही आज पुनर्वसु नक्षत्र रात्रि 09 बजकर 29 मिनट तक उपरांत पुष्य नक्षत्र का आरंभ होगा। आइए जानते हैं आज शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय कब से कब तक रहेगा। फॉलो करे
राष्ट्रीय मिति ज्येष्ठ 09, शक सम्वत् 1947, ज्येष्ठ, शुक्ला, चतुर्थी, शुक्रवार, विक्रम संवत् 2082। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 17, जिल्हिजा 02, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंगे्रजी तारीख 30 मई सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतुः। राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। चतुर्थी तिथि रात्रि 09 बजकर 23 मिनट तक उपरांत पंचमी तिथि का आरंभ। पुनर्वसु नक्षत्र रात्रि 09 बजकर 23 मिनट तक उपरांत पंचमी तिथि का आरंभ।

पुनर्वसु नक्षत्र रात्रि 09 बजकर 29 मिनट तक उपरांत पुष्य नक्षत्र का आरंभ। गण्डयोग मध्याह्न 12 बजकर 57 मिनट तक उपरांत वृद्धि योग का आरंभ। वणिज करण पूर्वाह्न 10 बजकर 21 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चन्द्रमा अपराह्न 03 बजकर 43 मिनट तक मिथुन उपरांत कर्क राशि पर संचार करेगा। आज के व्रत त्योहार उमा-अवतार।
सूर्योदय का समय 30 मई 2025 : सुबह में 5 बजकर 23 मिनट तक।
सूर्यास्त का समय 30 मई 2025: शाम में 7 बजकर 13 मिनट पर ।
आज का शुभ मुहूर्त 30 मई 2025 :
ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 3 मिनट से 4 बजकर 43 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्य रात्रि रात में 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 7 बजकर 12 मिनट से 7 बजकर 33 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त 30 मई 2025 :
सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक राहुकाल रहेगा। सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 7 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 8 बजकर 10 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट तक।
आज का उपाय : 30 मई 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष है। आज उमा-अवतार व्रत है और शुक्रवार के दिन पुष्य नक्षत्र का प्रभाव भी प्राप्त होगा। आज का दिन केले के वृक्ष की परिक्रमा और "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र जप के लिए अत्यंत शुभ है। पंचांग के अनुसार मुहूर्तों का ध्यान रखकर अपने कार्यों की योजना बनाएं और सफलता की दिशा में आगे बढ़ें।
डिस्क्लेमर: इस पंचांग में प्रस्तुत समस्त जानकारी, ज्योतिषीय गणनाएं एवं सामग्री विभिन्न पंचांगों, ज्योतिष शास्त्रों, धार्मिक ग्रंथों, विशेषज्ञों के मतों एवं सार्वजनिक स्रोतों से संकलित की गई है। यह केवल सामान्य सूचना देने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है। इसकी पूर्णतः शुद्धता, सटीकता या विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं दी जाती। पाठक किसी भी निर्णय या विश्वास के लिए स्वयं उत्तरदायी होंगे। हमारा उद्देश्य किसी प्रकार की मान्यता थोपना नहीं, बल्कि जानकारी उपलब्ध कराना मात्र है।