आज पूरे देशभर में मुस्लिम समुदाय ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व पूरे उत्साह, श्रद्धा और धार्मिक आस्था के साथ मनाया। इस अवसर पर मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष नमाज अदा की गई और एक-दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी गई।
शिमला: (HD News); आज पूरे देशभर में मुस्लिम समुदाय ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व पूरी श्रद्धा, उत्साह और आपसी भाईचारे के साथ मनाया। इस खास मौके पर सुबह के समय मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष नमाज अदा की गई। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी और आपसी सौहार्द का संदेश दिया।
राजधानी शिमला के लक्कड़बाजार स्थित ईदगाह में भी सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हुए और बकरीद की नमाज अदा की। नमाज के बाद मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि—
“इस्लाम धर्म में साल में दो बार ईद की नमाज अदा की जाती है - ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा। बकरीद त्याग, समर्पण और मानवता की भलाई के लिए कुर्बानी का संदेश देती है।”

मौलाना कासमी ने यह भी बताया कि इस पर्व के दौरान हज यात्रा का भी विशेष महत्व है, जो इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है। उन्होंने नमाज के दौरान देश, प्रदेश और समस्त मानवता के लिए अमन, चैन और खुशहाली की दुआ मांगी। इस पर्व के अवसर पर शिमला सहित अन्य शहरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे, और कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
बकरीद केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह त्याग, समर्पण और मानवता की सेवा का प्रतीक है। देशभर में शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया यह पर्व समाज में भाईचारे और सौहार्द की मिसाल पेश करता है।
बकरीद केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह त्याग, समर्पण और मानवता की सेवा का प्रतीक है। देशभर में शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया यह पर्व समाज में भाईचारे और सौहार्द की मिसाल पेश करता है। हिमदर्शन समाचार की ओर से सभी पाठकों को ईद-उल-अजहा की हार्दिक मुबारकबाद।