बिलासपुर जिले में दो युवाओं की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने नशे के खिलाफ लड़ाई की हकीकत को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यह केवल दो लोगों की मौत नहीं, बल्कि प्रशासनिक विफलता, सामाजिक लापरवाही और नशे के खिलाफ खोखली रणनीति की जीती-जागती मिसाल है। एक युवक दो दिन पहले ही जेल से छूटकर घर लौटा था, और दूसरा अस्पताल के बिस्तर से लौट ही नहीं पाया। अब सवाल ये है - आखिर कब तक मौत के बाद ही समाज और तंत्र जागेगा ? पढ़ें पूरी खबर..
बिलासपुर : (HD News); जिले में नशे की बढ़ती लत एक बार फिर दो जिंदगियां निगल गई। बिलासपुर के घुमारवीं क्षेत्र के दो युवकों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि दोनों की मौत चिट्टे (हेरोइन) के सेवन से हुई है। पुलिस इन मामलों की जांच में जुटी है, जबकि एक युवक का पोस्टमार्टम करवाया जा चुका है।
मृतकों पर पहले भी मादक पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज थे। जानकारी के मुताबिक, दोनों ही युवक नशे के मामलों में संलिप्त रहे थे और हाल ही में जेल से बाहर आए थे।

पहला मामला: 39 वर्षीय युवक की मौत, दो दिन पहले ही जेल से छूटा था
घुमारवीं क्षेत्र के सिल्ह गांव निवासी 39 वर्षीय युवक को शनिवार तड़के चार बजे परिजन घर में अचेत अवस्था में पाए। तुरंत उसे घुमारवीं अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि उसे करीब डेढ़ माह पहले 5.60 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया गया था और 29 मई को ही वह जमानत पर रिहा हुआ था। आशंका है कि रिहाई के बाद उसने फिर से नशे का सेवन किया, जिससे उसकी मौत हो गई।
दूसरा मामला: गल्याणा गांव के युवक ने शिमला में तोड़ा दम
दूसरी घटना बिलासपुर शहर के नजदीक के गल्याणा गांव की है, जहां 31 वर्षीय युवक की आईजीएमसी शिमला में उपचार के दौरान मौत हो गई। युवक को कुछ दिन पहले चिट्टे के सेवन के बाद गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। जानकारी के अनुसार, यह युवक भी दो महीने पहले मादक पदार्थ के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस जांच जारी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
डीएसपी चंद्रपाल सिंह ने पुष्टि की कि एक युवक के शव का पोस्टमार्टम करवा लिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असल वजह साफ हो पाएगी। दूसरे मामले में फिलहाल पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
जागरूकता की जरूरत
इन घटनाओं ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि युवाओं को नशे की गिरफ्त से कैसे बाहर निकाला जाए। लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाएं समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं।