शिक्षा और संवाद को समर्पित हिमाचल यात्रा पर निकले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को राजधानी शिमला पहुंचे। राज्य के शैक्षणिक विकास से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेने के उद्देश्य से की गई इस यात्रा के दौरान उनका भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर प्रदेश की संवैधानिक और कार्यकारी प्रमुख हस्तियाँ - राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं उपस्थित रहें।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अनाडेल हैलीपैड पर स्वागत करते राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
उपराष्ट्रपति की यह यात्रा न केवल शिष्टाचार भेंटों तक सीमित है, बल्कि प्रदेश के युवाओं और शिक्षकों के साथ प्रत्यक्ष संवाद का एक सुनहरा अवसर भी है।
शिमला: (HD News); देश के माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पहुंचे। शिमला आगमन पर उनका स्वागत राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पारंपरिक तरीके से अनाडेल हैलीपैड पर किया। इस दौरान प्रदेश प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा बल भी मौजूद रहे।
स्वागत के उपरांत उपराष्ट्रपति का काफिला कड़ी सुरक्षा के बीच मालरोड होते हुए राजभवन के लिए रवाना हुआ। राजधानी शिमला की सड़कों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे, जिससे कि आम जनता को असुविधा न हो और कार्यक्रम सुचारु रूप से सम्पन्न हो।

कल सोलन के नौणी विश्वविद्यालय में होगा संवाद कार्यक्रम
उपराष्ट्रपति धनखड़ शनिवार को सोलन जिले के डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में आयोजित एक विशेष संवाद कार्यक्रम में भाग लेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों से संवाद स्थापित करना, शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चर्चा करना और युवाओं को प्रेरित करना है।
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उपराष्ट्रपति के आगमन की तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए गए हैं और छात्र-छात्राओं में उत्साह का माहौल है।
शैक्षणिक महत्व की यात्रा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की हिमाचल यात्रा न केवल एक औपचारिक प्रोटोकॉल का हिस्सा है, बल्कि यह शिक्षा, संवाद और युवा प्रेरणा से जुड़ा एक सार्थक प्रयास भी है। नौणी विश्वविद्यालय में उनके संबोधन से न केवल विद्यार्थियों को दिशा मिलेगी, बल्कि राज्य की शैक्षणिक नीति को भी नई ऊर्जा और दृष्टिकोण मिल सकता है। ऐसे दौर में जब नेतृत्व और प्रेरणा की सबसे अधिक आवश्यकता है, उपराष्ट्रपति का यह दौरा हिमाचल के लिए एक सकारात्मक संदेश लेकर आया है।