हिंदू पंचांग के अनुसार, आज मंगलवार, 20 मई 2025 को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। नक्षत्र, योग, करण, ग्रहों की स्थिति और मुहूर्त के आधार पर यह दिन शुभ कार्यों और पूजा-पाठ के लिए कैसा रहेगा—इसकी जानकारी आज के पंचांग से मिलती है। आइए जानते हैं आज का तिथि, नक्षत्र, राहुकाल, शुभ-अशुभ मुहूर्त और दिन को सफल बनाने के लिए विशेष उपाय।
पंचांग: राष्ट्रीय मिति वैशाख 30, शक सम्वत् 1947, ज्येष्ठ, कृष्ण, सप्तमी, मंगलवार, विक्रम संवत् 2082। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 07, जिल्काद 21, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 20 मई सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतुः। राहुकाल अपराह्न 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक। सप्तमी तिथि प्रातः 05 बजकर 52 मिनट तक उपरांत अष्टमी तिथि का आरंभ।
धनिष्ठा नक्षत्र सायं 07 बजकर 32 मिनट तक उपरांत शतभिषा नक्षत्र का आरंभ। ऐन्द्र योग अर्धरात्रोत्तर 02 बजकर 50 मिनट तक उपरांत वैधृति योग का आरंभ। बव करण प्रातः 05 बजकर 52 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चन्द्रमा प्रातः 07 बजकर 36 मिनट तक मकर उपरांत कुंभ राशि पर संचार करेगा। आज अष्टमी तिथि का क्षय। पंचक प्रारंभ प्रातः 07 बजकर 36 मिनट पर।

सूर्योदय का समय 20 मई 2025 : सुबह में 5 बजकर 27 मिनट तक।
सूर्यास्त का समय 20 मई 2025 : शाम में 7 बजकर 7 मिनट पर ।
आज का शुभ मुहूर्त 20 मई 2025 :
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 5 मिनट से 4 बजकर 46 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से 3 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्य रात्रि रात में 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 7 बजकर 7 मिनट से 7 बजकर 27 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 20 मई 2025 :
दोपहर में 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा। दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 10 बजकर 35 मिनट से 12 बजकर 17 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 8 बजकर 12 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक।
आज का उपाय :
आज ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है, जो प्रातः 05:52 तक रहेगी, इसके बाद अष्टमी तिथि का आरंभ होगा। आज धनिष्ठा नक्षत्र सायं 07:32 तक रहेगा, उपरांत शतभिषा नक्षत्र आरंभ होगा। राहुकाल दोपहर 03:00 से 04:30 तक रहेगा, अतः इस समय में कोई भी शुभ कार्य करने से बचें। आज पंचक भी प्रातः 07:36 से शुरू हो रहा है। शुभ कार्यों के लिए ब्रह्म मुहूर्त, विजय मुहूर्त और गोधूलि बेला श्रेष्ठ रहेंगे। अशुभ काल में यमगंड, गुलिक काल और दुर्मुहूर्त से सावधान रहें। दिन को सफल बनाने के लिए हनुमान चालीसा का कम से कम 7 या 11 बार पाठ अवश्य करें।

डिस्क्लेमर: इस लेख में प्रस्तुत समस्त जानकारी, ज्योतिषीय गणनाएं एवं सामग्री विभिन्न पंचांगों, ज्योतिष शास्त्रों, धार्मिक ग्रंथों, विशेषज्ञों के मतों एवं सार्वजनिक स्रोतों से संकलित की गई है। यह केवल सामान्य सूचना देने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है। इसकी पूर्णतः शुद्धता, सटीकता या विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं दी जाती। पाठक किसी भी निर्णय या विश्वास के लिए स्वयं उत्तरदायी होंगे। हमारा उद्देश्य किसी प्रकार की मान्यता थोपना नहीं, बल्कि जानकारी उपलब्ध कराना मात्र है।