भारतीय वैदिक पंचांग के अनुसार, 22 मई 2025 का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है। यह दिन ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। गुरुवार का दिन होने के कारण यह बृहस्पति देव की उपासना के लिए भी श्रेष्ठ माना जाता है। आज कुछ शुभ योगों का संयोग भी बन रहा है, जो विभिन्न शुभ कार्यों, पूजा-पाठ, व्रत आदि के लिए अनुकूल समय प्रदान करते हैं। इस पंचांग में सूर्योदय-सूर्यास्त, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, राहुकाल और चंद्रमा की स्थिति जैसी प्रमुख खगोलीय जानकारी संक्षिप्त रूप में दी गई है, जो दैनिक जीवन के निर्णयों में मार्गदर्शन करती है।
आज का पंचांग
राष्ट्रीय मिति ज्येष्ठ 01, शक सम्वत् 1947, ज्येष्ठ, कृष्ण, दशमी, बृहस्पतिवार, विक्रम संवत 2082। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 09, जिल्काद 23, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 22 मई सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतुः। राहुकाल अपराह्न 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक। दशमी तिथि अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 13 मिनट तक उपरांत एकादशी तिथि का आरंभ।

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र सायं 05 बजकर 47 मिनट तक उपरांत उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का आरंभ। विष्कुंभ योग रात्रि 09 बजकर 49 मिनट तक उपरांत प्रीति योग का आरंभ। वणिज करण अपराह्न 02 बजकर 18 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चन्द्रमा मध्याह्न 12 बजकर 08 मिनट तक कुंभ उपरांत मीन राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 22 मई 2025 : सुबह में 5 बजकर 26 मिनट तक।
सूर्यास्त का समय 22 मई 2025 : शाम में 7 बजकर 9 मिनट पर ।

आज का शुभ मुहूर्त 22 मई 2025 :
ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 4 मिनट से 4 बजकर 46 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्य रात्रि रात में 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 7 बजकर 8 मिनट से 7 बजकर 28 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त 22 मई 2025 :
शिमला में दोपहर के 13:59 से 15:42 तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल हर दिन लगभग 90 मिनट का अशुभ समय माना जाता है। यह समय स्थान के अनुसार थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है। सटीक जानकारी के लिए पंचांग ऐप या स्थानीय पंचांग देखें। इस समय में नए कार्य, यात्रा, लेन-देन, शुभारंभ आदि से बचना चाहिए। सुबह में 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 5 बजकर 26 मिनट से 7 बजकर 9 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 10 बजकर 1 मिनट से 10 बजकर 56 मिनट तक।
आज का उपाय : आज भगवान विष्णु को अपराजिता फूल अर्पित करें।
आज का दिन धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ और शुभ योजनाओं के लिए अनुकूल माना गया है। ज्येष्ठ कृष्ण दशमी तिथि, गुरुवार का योग, और चंद्रमा का मीन राशि में प्रवेश – इन सभी का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। राहुकाल को छोड़कर दिन का अधिकांश समय शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है। आज बन रहे गजकेसरी, सुनफा और कला योग विशेष रूप से लाभकारी हैं। अतः आज का दिन आध्यात्मिक साधना और महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत के लिए श्रेष्ठ है।
डिस्क्लेमर:
इस लेख में प्रस्तुत समस्त जानकारी, ज्योतिषीय गणनाएं एवं सामग्री विभिन्न पंचांगों, ज्योतिष शास्त्रों, धार्मिक ग्रंथों, विशेषज्ञों के मतों एवं सार्वजनिक स्रोतों से संकलित की गई है। यह केवल सामान्य सूचना देने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई है। इसकी पूर्णतः शुद्धता, सटीकता या विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं दी जाती। पाठक किसी भी निर्णय या विश्वास के लिए स्वयं उत्तरदायी होंगे। हमारा उद्देश्य किसी प्रकार की मान्यता थोपना नहीं, बल्कि जानकारी उपलब्ध कराना मात्र है।
