हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है, जो दिन की धार्मिक, ज्योतिषीय और सांसारिक गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन करता है। आज दिनांक 1 जून 2025, रविवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। यह दिन व्रत, पूजा-पाठ और शुभ कार्यों के लिए कई विशेष संयोग लेकर आया है। आज अरण्य षष्ठी व्रत और विंध्यवासिनी माता की पूजा का भी महत्व है। सूर्य उत्तरायण में है और चंद्रमा शाम के बाद सिंह राशि में प्रवेश करेगा, जिससे दिन में राशि परिवर्तन का प्रभाव भी देखा जाएगा। शुभ मुहूर्तों और अशुभ समय की सटीक जानकारी के साथ प्रस्तुत है आज का संपूर्ण पंचांग - जो आपके दिन को शुभ और सफल बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
पंचांग: राष्ट्रीय मिति ज्येष्ठ 11, शक संवत 1947, ज्येष्ठ, शुक्ल, षष्ठी, रविवार, विक्रम संवत 2082। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 19, जिल्हिजा 04, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 01 जून सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतुः। राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। षष्ठी तिथि रात्रि 08 बजे तक उपरांत सप्तमी तिथि का आरंभ।
आश्लेषा नक्षत्र रात्रि 09 बजकर 37 मिनट तक उपरांत मघा नक्षत्र का आरंभ। ध्रुव योग प्रातः 09 बजकर 11 मिनट तक उपरांत व्याघात योग का आरंभ। कौलव करण प्रातः 08 बजकर 08 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चन्द्रमा रात्रि 09 बजकर 37 मिनट तक कर्क उपरांत सिंह राशि पर संचार करेगा। आज के व्रत त्योहार अरण्य षष्ठी, विंध्यवासिनी पूजा, गण्डमूल विचार।

सूर्योदय का समय 1 जून 2025 : सुबह में 5 बजकर 23 मिनट तक
सूर्यास्त का समय 1 जून 2025 : शाम में 7 बजकर 14 मिनट पर ।
आज का शुभ मुहूर्त 1 जून 2025 :
ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 2 मिनट से 4 बजकर 43 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 38 मिनट से 3 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्य रात्रि रात में 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 7 बजकर 13 मिनट से 7 बजकर 34 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त 1 जून 2025 :
शाम में 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक राहुकाल रहेगा। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 8 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 5 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 19 मिनट तक।
आज का उपाय : आज सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
1 जून 2025 को अरण्य षष्ठी और विंध्यवासिनी पूजा जैसे पुण्य अवसर हैं। दिन शुभ मुहूर्तों से युक्त है, परंतु राहुकाल और यमगण्ड जैसे अशुभ समयों से सावधान रहें। आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ आपके लिए लाभकारी रहेगा।
🔔 डिसक्लेमर:इस पंचांग की जानकारी विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं और पारंपरिक पंचांग स्रोतों के आधार पर प्रस्तुत की गई है। मुहूर्त, तिथि, नक्षत्र, योग एवं अन्य विवरण स्थान विशेष के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। किसी विशेष कार्य, पूजन, व्रत या निर्णय हेतु अपने स्थानीय विद्वान पंडित या ज्योतिषाचार्य की सलाह अवश्य लें। प्रस्तुत जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन हेतु है, इसका अंतिम निर्णय आपके विवेक और परामर्श पर निर्भर करता है।