विमल नेगी हत्याकांड अब सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं रहा - यह एक ऐसा आईना बन गया है, जिसमें सत्ता, साजिश और सिस्टम की सांठगांठ साफ़ दिखाई देने लगी है। CBI की 4 घंटे की सख्त पूछताछ ने SIT के भीतर दबी परतों को उधेड़ना शुरू कर दिया है। अफसरों की आंखों में पसरा तनाव, जवाबों में छुपी बेचैनी, और दस्तावेज़ों में मिले विरोधाभास - ये सब किसी बड़ी राजनीतिक परत को बेनकाब करने की ओर इशारा कर रहे हैं। अब सवाल सिर्फ ये नहीं कि विमल की हत्या किसने की... सवाल ये है कि किसने बचाया, किसने छुपाया, और किसके इशारे पर ये सारा खेल खेला गया ? पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); विमल नेगी हत्याकांड की जांच में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बीते दिन शिमला में विशेष जांच दल (SIT) के वरिष्ठ अधिकारियों से करीब 4 घंटे तक गहन पूछताछ की। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, इस पूछताछ में कई गंभीर खुलासे हुए हैं, जिनसे सत्ता के उच्च स्तर तक जुड़े तार सामने आए हैं।
CBI ने SIT से न केवल घटनास्थल की जानकारी और शुरुआती जांच रिपोर्ट मांगी, बल्कि कई ऐसे दस्तावेज़ों पर सवाल दागे जिनमें विरोधाभास पाए गए। पूछताछ के दौरान SIT अधिकारियों के चेहरों पर स्पष्ट तनाव देखा गया।
सूत्रों का दावा है कि CBI को SIT की पूछताछ से जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसमें प्रदेश सरकार के मंत्री और विधायक की भूमिका की भी बारीकी से जांच की जा रही है। ये सभी CM के बेहद करीबी माने जाते हैं। हालाँकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन उच्च स्तर पर हलचल तेज़ हो गई है।

सियासी दबाव और संभावित साक्ष्य छुपाने की कोशिशें ?
CBI की जांच में यह आशंका भी जताई जा रही है कि शुरुआती दौर में मामले को कमज़ोर करने या मोड़ने की कोशिश की गई थी। SIT के कुछ अफसरों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है, जिनसे आगे भी पूछताछ जारी रहेगी।
बता दें कि विमल नेगी के परिवार के सभी सदस्य और हिमाचल की जनता विमल नेगी के मृत शरीर के मिलते ही पहले दिन से ही इस हत्याकांड की CBI जांच की मांग कर रही थी। लेकिन इनकी मांग को अनसुना किया जा रहा था। अब जब माननीय उच्च न्यायलय ने CBI को सौंपने का आदेश दिया है तो CBI की सक्रियता से विमल नेगी के परिवार और प्रदेश की जनता को न्याय की उम्मीद जग गई है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटनाक्रम पर नज़र बनाए हुए हैं और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
CBI की जांच अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है, जहां सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि सत्ता और साजिश के गहरे खेल सामने आ सकते हैं। यदि SIT द्वारा बताए गए तथ्य सच हैं, तो आने वाले दिनों में हिमाचल की राजनीति में भारी उथल-पुथल संभव है। अब पूरा प्रदेश देख रहा है कि क्या CBI सच्चाई को सामने लाने में सफल होगी या फिर एक और मामला राजनीतिक धुंध में गुम हो जाएगा?
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