13 अगस्त 2025, बुधवार का दिन चतुर्थी और पंचमी तिथियों के संयोग से विशेष बन रहा है। आज चंद्रमा मीन राशि में संचार कर रहे हैं और उत्तराभाद्रपद से रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। धृतिमान से शूल योग में परिवर्तन होगा, जो कार्यों की गति और परिणामों पर प्रभाव डालेगा। पंचक का प्रभाव पूरे दिन रहेगा, इसलिए कुछ कार्यों में विशेष सावधानी की आवश्यकता है। शुभ और अशुभ समय को ध्यान में रखते हुए दिन की योजना बनाने से सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।
आज का पंचांग – 13 अगस्त 2025, बुधवार
आज राष्ट्रीय मिति श्रावण 22, शक संवत 1947, भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जो प्रातः 06:37 बजे तक रहेगी, इसके बाद पंचमी तिथि का आरंभ होगा। आज विक्रम संवत 2082, सौर श्रावण मास प्रविष्टे 29, सफ़र 18, हिजरी 1447 (मुस्लिम) तथा अंगे्रजी तारीख 13 अगस्त 2025 ई. है। सूर्य दक्षिणायण, उत्तर गोल में हैं और ऋतु वर्षा है।

नक्षत्र और योग: उत्तराभाद्रपद नक्षत्र पूर्वाह्न 10:33 बजे तक रहेगा, इसके बाद रेवती नक्षत्र प्रारंभ होगा। धृतिमान योग सायं 04:06 बजे तक रहेगा, इसके उपरांत शूल योग का आरंभ होगा। करण में, प्रातः 06:37 बजे तक बालव करण और उसके बाद गर करण रहेगा। आज चंद्रमा दिन-रात मीन राशि में संचार करेंगे।
सूर्योदय और सूर्यास्त:
- सूर्योदय – प्रातः 05:49 बजे
- सूर्यास्त – सायं 07:02 बजे
शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04:23 से 05:06 बजे तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02:38 से 03:31 बजे तक
- निशीथ काल – मध्य रात्रि 12:04 से 12:48 बजे तक
- गोधूलि बेला – सायं 07:02 से 07:24 बजे तक
- अमृत काल – प्रातः 07:28 से 09:07 बजे तक
अशुभ मुहूर्त:
- राहुकाल – दोपहर 12:00 से 01:30 बजे तक
- गुलिक काल – प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
- यमगंड – प्रातः 07:30 से 09:00 बजे तक
- दुर्मुहूर्त – प्रातः 11:59 से 12:52 बजे तक
- पंचक – पूरे दिन रहेगा
आज का विशेष उपाय:
आज का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और गणेश चालीसा का पाठ विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। सही समय पर कार्य करने और अशुभ काल में सावधानी बरतने से दिन को सकारात्मक और फलदायी बनाया जा सकता है। पंचांग के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त और विजय मुहूर्त जैसे समय आपके लिए शुभ ऊर्जा का स्रोत बनेंगे।
डिस्क्लेमर: यह पंचांग सामान्य ज्योतिषीय गणना और पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है। तिथि, मुहूर्त और ग्रह-नक्षत्र का समय भौगोलिक स्थिति के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है। व्यक्तिगत, धार्मिक या महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अपने स्थानीय पंचांग या किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह लेना उचित रहेगा।