शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को नौकरियों का मुद्दा छाया रहा। प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने बेरोजगारी को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि अढ़ाई साल में युवाओं को नौकरी नहीं मिली। जैसे ही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में रोजगार के आंकड़े प्रस्तुत किए, विपक्ष ने उन पर सवाल उठाए और तीखी नोकझोंक के बाद वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष का आरोप – "आंकड़े झूठे, बेरोजगार ठगे जा रहे"
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सदन में बार-बार अलग-अलग आंकड़े पेश कर रहे हैं। जुलाई 2024 में सीएम ने 34, 980 नौकरियां देने की बात कही। स्वतंत्रता दिवस पर मात्र 23, 191 रोजगार का आंकड़ा बताया।
जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया कि आखिर नौकरियां बढ़ने की बजाय घट कैसे गईं? उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री ने झूठ बोलकर अपने पद की गरिमा और सदन की गरिमा दोनों की अवमानना की है।"

कांग्रेस के चुनावी वादे पर सवाल
जयराम ठाकुर ने आगे कहा कि कांग्रेस ने चुनावों के दौरान हर साल एक लाख और पांच साल में पांच लाख नौकरियों का वादा किया था। अब कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरे होने को हैं लेकिन स्थिति यह है कि नई भर्तियां ठप पड़ी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि - पिछली सरकार के समय निकाली गई भर्तियों के रिजल्ट भी सरकार ने कोर्ट के आदेश पर जारी किए। नई भर्तियों पर रोक लगाकर युवाओं को निराश किया जा रहा है। विदेशों में नौकरी कर रहे युवाओं को भी रोजगार में शामिल कर गिनती की जा रही है, जो पहले कभी नहीं हुआ।
सदन में हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट
प्रश्नकाल के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। विपक्षी विधायकों ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारों से अढ़ाई लाख नौकरियां देने का जो वादा किया था, वह पूरी तरह झूठ साबित हुआ है। इस बीच हंगामे के बीच विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में नौकरियों का मुद्दा गरमा गया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार युवाओं को ठग रही है और बेरोजगारों को गुमराह कर रही है, जबकि सरकार का दावा है कि रोजगार उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि सदन में उठी इस बहस का समाधान कैसे निकलता है।