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हिमाचल | शिमला

अंजलि मर्डर केस: जिसे दिया था दिल, उसी ने रोक दी धड़कन… प्यार से शुरू हुई शादी क्यों बनी हिंसा की कहानी? एक बेटी की मौत से समाज को सबक लेने की ज़रूरत

August 20, 2025 08:40 AM
फोटो सोर्स : सोशल मीडिया
Om Prakash Thakur

हिमाचल प्रदेश के रामपुर से सामने आया अंजलि मर्डर केस सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि समाज के सामने खड़ा कड़वा सच है। यह दर्दनाक घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्यों प्यार से शुरू होने वाले रिश्ते कभी-कभी हिंसा और मौत की वजह बन जाते हैं। अंजलि जैसी होनहार, मेहनती और आत्मनिर्भर बेटी जिसने पढ़ाई और नौकरी से अपनी अलग पहचान बनाई - आख़िर क्यों रिश्तों की कड़वाहट और घरेलू हिंसा की बलि चढ़ गई? यह सवाल सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज का है। अंजलि की मौत हमें चेतावनी देती है कि अगर रिश्तों में सम्मान, संवाद और सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले कल में न जाने कितनी अंजलियां इस खामोशी का शिकार होंगी। पढ़ें विस्तार से..


शिमला: (HD News): हिमाचल प्रदेश के रामपुर से सामने आया अंजलि मर्डर केस अब सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं रह गया है। यह घटना समाज को आईना दिखाती है कि किस तरह रिश्तों में संवाद और सम्मान की कमी, हिंसा और अपराध में बदल जाती है।

प्यार से शादी, लेकिन फिर दूरी

अंजलि ने 2021 में अपने पसंद के साथी सुशील से लव मैरिज की थी। शादी के बाद दोनों के बीच खटास बढ़ी और अंजलि अलग रहने लगी। मेहनती और काबिल अंजलि पोस्ट ऑफिस में नौकरी कर रही थी। दसवीं कक्षा में उसने 700 में से 670 अंक लाकर मेरिट में जगह बनाई थी। यानी यह बेटी समाज और परिवार दोनों के लिए गौरव की मिसाल थी।

लेकिन रिश्तों में दूरी बढ़ने के बाद स्थिति इतनी बिगड़ी कि उसका अंजाम मौत तक पहुंच गया। आज से करीब 5 दिन पहले सुशील और ससुर उससे मिलने आए। सुलह की कोशिश नाकाम रही। इसके बाद पति दोबारा कमरे में लौटा और अंजलि के साथ मारपीट की, जिसने उसकी जान ले ली।

समाज के सामने खड़े सवाल

यह घटना कई सवाल खड़े करती है -

क्यों प्यार और विवाह का रिश्ता हिंसा में बदल जाता है?

क्यों महिलाएं शादी के बाद असुरक्षित महसूस करती हैं?

क्या परिवार और समाज ऐसे हालात में पहले ही हस्तक्षेप कर सकते थे?

क्या महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से बचाव की व्यवस्थाएं ज़मीनी स्तर पर काम कर रही हैं?

कानून और सुरक्षा: ज़रूरी है सख़्ती

रामपुर पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या का केस दर्ज किया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या गिरफ्तारी से ही हालात बदल जाएंगे ?

ज़रूरत है :-

1.घरेलू हिंसा की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई

2. महिलाओं के लिए सुरक्षित हेल्पलाइन और काउंसलिंग

3. पारिवारिक विवादों को समय रहते सुलझाने के तंत्र

4. समाज में जागरूकता कि हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं


अंजलि की कहानी हम सबके लिए चेतावनी है। वह बेटी, जिसने मेहनत और लगन से अपनी पहचान बनाई, रिश्तों की हिंसा की भेंट चढ़ गई। यह हादसा हमें मजबूर करता है सोचने पर कि - जब तक हम घरेलू हिंसा को सिर्फ “पारिवारिक मामला” समझते रहेंगे, तब तक अनगिनत अंजलियां यूं ही जिंदगी हारती रहेंगी।  वक्त आ गया है कि समाज, पुलिस, कानून और परिवार मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर कदम उठाएं। प्यार और रिश्तों में सम्मान व सुरक्षा को बुनियादी हक़ बनाना ही अंजलि जैसी बेटियों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

अंजलि जैसी बेटियां मेहनत से अपनी पहचान बनाती हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका जीवन रिश्तों की हिंसा में न बर्बाद हो। यह केवल पुलिस या अदालत का मामला नहीं, बल्कि पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है।


 

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