हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के चिड़गांव ब्लॉक के आंध्रा गांव में रविवार को एक भीषण अग्निकांड में चमन लाल मिस्त्री का 10 कमरों का लकड़ी का मकान पूरी तरह जलकर राख हो गया। पानी की भारी कमी के कारण ग्रामीणों के लिए आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया। गनीमत रही कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई। पढ़ें विस्तार से..
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के रोहड़ू उपमंडल के चिड़गांव ब्लॉक के आंध्रा गांव में रविवार को एक भीषण अग्निकांड ने भारी तबाही मचा दी। घटना में चमन लाल मिस्त्री का 10 कमरों का मकान पूरी तरह जलकर राख हो गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।

अचानक भड़की आग, मिनटों में चपेट में आया पूरा घर
जानकारी के अनुसार, रविवार दोपहर लगभग 2 बजे अचानक चमन लाल के लकड़ी से बने मकान में आग लग गई। देखते ही देखते लपटों ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की, लेकिन पानी की गंभीर कमी के कारण हालात बेकाबू हो गए।

बेघर हुआ परिवार, खुले आसमान के नीचे रात गुज़ारने को मजबूर
आग से मकान के सभी 10 कमरे जलकर राख हो गए, जिससे पूरा परिवार बेघर हो गया है। यह इलाका ‘सुखी धार’ के नाम से जाना जाता है, जहाँ पानी की हमेशा कमी बनी रहती है। ऐसे में ग्रामीणों के सामने आग बुझाने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई।

प्रशासन व दमकल विभाग मौके पर, नुकसान का आकलन जारी
घटना की सूचना मिलते ही चिड़गांव फायर स्टेशन से दमकल कर्मियों की टीम मौके पर रवाना हुई। अग्निशमन अधिकारी सीताराम ने बताया कि दोपहर 2:21 बजे घटना की जानकारी प्राप्त हुई थी और टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया है। उन्होंने पुष्टि की कि “मकान पूरी तरह जल गया है, लेकिन कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।” प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

कारणों की जांच जारी
फिलहाल आग लगने के सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक अनुमान के अनुसार शॉर्ट सर्किट या चूल्हे की चिंगारी इसकी वजह हो सकती है।
यह हादसा न केवल ग्रामीण क्षेत्र में अग्निशमन सुविधाओं की कमी को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि पानी जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की अनुपलब्धता किस तरह किसी छोटी सी चूक को बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।
