हिमाचल - स्वास्थ्य विभाग ने ड्यूटी से बिना अनुमति अनुपस्थित रहने के मामलों पर संज्ञान लेते हुए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाणा के तीन और IGMC शिमला के एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि मरीज सेवाओं की निरंतरता और विभागीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुए यह कार्रवाई आवश्यक समझी गई। विभाग का कहना है कि मामले से जुड़े सभी पहलुओं की प्रक्रिया के तहत आगे पड़ताल जारी रहेगी। पढ़ें पूरी खबर..
शिमला: (HD News); राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने ड्यूटी से बिना अनुमति अनुपस्थित रहने के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए चार डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। यह कदम सरकार द्वारा स्वास्थ्य संस्थानों में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। आदेश स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी द्वारा जारी किए गए हैं।

ड्यूटी से अनुपस्थित - सेवा समाप्त
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, संबंधित डॉक्टरों ने कई दिनों तक बिना किसी अनुमति या औपचारिक सूचना के अपनी ड्यूटी जॉइन नहीं की। विभाग द्वारा बार-बार नोटिस और अवसर देने के बावजूद उपस्थित न होने पर, अंततः सीसीएस/सीसीए नियम, 1965 के नियम 19 के तहत उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं। यह नियम सरकार को यह अधिकार देता है कि यदि कोई अधिकारी बिना अनुमति लंबे समय तक अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सेवा स्वतः समाप्त मानी जा सकती है।
आदेश की प्रभावी तिथि वही, जब शुरू हुई अनुपस्थिति
जारी अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन अधिकारियों की सेवा उसी तिथि से समाप्त मानी जाएगी, जिस दिन से वे बिना अनुमति अनुपस्थित रहे। इसका अर्थ यह है कि विभाग ने अनुपस्थित अवधि को सेवा का हिस्सा न मानते हुए, नियुक्ति को पूर्व प्रभाव से ही शून्य घोषित कर दिया है।

पुनर्नियुक्ति का कोई दावा मान्य नहीं
स्वास्थ्य सचिव के आदेश में यह भी कहा गया है कि अब ये डॉक्टर अपने-अपने पदों पर दोबारा नियुक्ति, पुनर्बहाली या कार्यभार ग्रहण करने का कोई दावा नहीं कर सकेंगे। विभाग ने इसे अंतिम निर्णय बताते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में उदारता दिखाने की कोई संभावना नहीं है।
❗ कौन-कौन डॉक्टर आए कार्रवाई की चपेट में?
कार्रवाई के दायरे में आए चार डॉक्टरों के नाम इस प्रकार हैं—
1. आईजीएमसी शिमला – पीडियाट्रिक्स विभाग▪ डॉ. नवीन कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर
2. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाणा – प्लास्टिक सर्जरी विभाग▪ डॉ. तुषार पटियाल
3. एआईएमएसएस (AIMSS) चमियाणा – सीटीवीएस विभाग▪ डॉ. विकास कुमार
4. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाणा – कार्डियोलॉजी विभाग▪ डॉ. कुणाल महाजन
स्वास्थ्य विभाग का सख्त संदेश
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की सेवा से जुड़े पद अत्यंत संवेदनशील होते हैं। ऐसे में डॉक्टरों का अचानक बिना अनुमति ड्यूटी से गायब हो जाना न केवल अस्पतालों की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है बल्कि मरीजों की जान जोखिम में डाल सकता है। इसी कारण विभाग ने ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।

भविष्य में और सख्ती की संभावना
सूत्रों के अनुसार, विभाग अब सभी प्रमुख अस्पतालों में उपस्थिति, ड्यूटी रिपोर्टिंग और अनुशासन संबंधी रिकॉर्ड की व्यापक समीक्षा करेगा। यदि और भी अधिकारी बिना अनुमति अनुपस्थित पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध भी इसी प्रकार की कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय हिमाचल प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में जवाबदेही बढ़ाने और कार्यसंस्कृति सुधारने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। राज्य सरकार ने हाल के महीनों में कई बार संकेत दिए थे कि लापरवाही या अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी।
⚠️ डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस समाचार में दी गई जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आधिकारिक आदेशों एवं उपलब्ध प्रशासनिक दस्तावेज़ों पर आधारित है। इसमें उल्लेखित अधिकारियों के संबंध में कोई भी निष्कर्ष विभागीय जांच और कानूनी प्रक्रिया के परिणामों पर निर्भर करेगा। समाचार का उद्देश्य केवल तथ्यों को सार्वजनिक करना है, किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को ठेस पहुँचाना नहीं।