जिला सिरमौर पुलिस बतौर वायरलैस ऑपरेटर कार्यरत पुलिस हेड कॉन्स्टेबल को सतर्कता विभाग ने पुलिस में ही भर्ती के नाम पर 30000 की घूस लेने के मामले में गुरुवार को रंगे हाथों दबोच लिया। प्रदेश में जीरो टॉलरेंस अभियान के तहत सतर्कता विभाग की टीम ने बिछाए गए ज्ञान के तहत नहान मेडिकल कॉलेज के समीप श्रम और पुलिस की हेड कॉन्स्टेबल पुलिस में विशेष पुलिस अधिकारी की भर्ती के नाम पर एक युवक को झांसे में रखने के मामले में 30000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
सतर्कता विभाग की विशेष टीम ने गुरुवार को जाल बिछाते हुए इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस लाइन नाहन में बतौर वायरलैस ऑपरेटर तैनात एचएचसी सत्या देवी ने शिकायतकर्ता से उसके बेटे को विशेष पुलिस अधिकारी का पद दिलवाने की एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत विजिलेंस तक पहुंच गई। गौर हो कि पुलिस में विशेष पुलिस अधिकारी के पद का कोई प्रावधान नहीं है।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार महिला पुलिस कर्मी का दिवंगत पति भी इसी विभाग में तैनात था। हालांकि पूरी जानकारी आने में वक्त लगेगा, लेकिन बताया जा रहा है कि वह रिश्वत लेने के लिए अपनी निजी कार में मेडिकल कालेज के समीप पहुंची थी। उधर, पुलिस अधीक्षक सिरमौर अजय कृष्ण शर्मा ने कहा कि इस तरह के कर्मचारी बख्शे नहीं जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस में विशेष पुलिस अधिकारी का कोई पद नहीं होता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस तरह के लोगों के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा कि विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद संबंधित महिला पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इस बारे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्टेट विजिलेंस व एंटी करप्शन ब्यूरो अनुराग गर्ग ने कहा कि महिला पुलिस कर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। मामले की जांच चल रही है।