1. आपकी आदतें और शनिदेव की कृपा - सूर्य के पुत्र शनि उन ग्रहों में से हैं जिनकी क्रूर दृष्टि किसी को बर्बाद कर सकती है, लेकिन उनकी अच्छी दृष्टि अगर किसी पर एक बार पड़ जाए तो उसके सारे काम बन जाते हैं और उसके घर कभी दरिद्रता नहीं आती।
2. सूर्य के पुत्र हैं शनि- शनिदेव सूर्य से काफी दूरी पर हैं और यही कारण है कि शनि प्रकाशहीन हैं। भगवान शनि के प्रकाशहीन होने की वजह से कई लोग उन्हें निर्दयी, क्रोधी, भावहीन और उत्साहहीन भी मान लेते हैं लेकिन वो ये नहीं जानते कि शनि अगर किसी से प्रसन्न होते हैं तो उसे वैभव और धन से भर देते हैं।
3. शनि की नाराजगी मतलब आफत- शास्त्रों के मुताबिक शनि का अप्रसन्न होने का अर्थ है मुसीबतों का मार्ग खुलना, लेकिन कैसे जानें कि शनि आपसे प्रसन्न हैं या अप्रसन्न? आपको जानकर हैरानी होगी कि रोजाना जीवन में आपकी कुछ आदतों से पता चलता है कि शनि भगवान आप पर प्रसन्न हैं।
4. किससे होंगे शनिदेव प्रसन्न ? : जी हां, ये कुछ ऐसी आदतें हैं जो इस बात का इशारा करती हैं कि शनि की कृपा आप पर अभी है और उनकी कृपा से आप आगे के जीवन में धन-समृद्धि सफलता पाएंगे। इसलिए अगर ये आदतें बिगड़ने लगें तो समझें कि निकट भविष्य में आप शनि के कोप का भाजन बन सकते हैं और आपको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। आगे हम आपको उन आदतों के बारे में बता रहे हैं....
5. नाखून को काटना- जो लोग रोज अपने नाखून काटते हैं और उन्हें साफ भी रखते हैं, शनि ऐसा करने वालों का हमेशा खयाल रखते हैं। इसलिए अचानक अगर आप अपने नाखून काटने में आलस करने लगें या आपके नाखून गंदे रहने लगें तो समझें कि आपको शनि दशा सुधारने के लिए उपाय करने चाहिए।
6. गरीबों को दान- अगर आपका दिल गरीबों, जरूरतमंदों को देखकर पसीज जाता है और हर पर्व-त्यौहार पर या गरीब जरूरतमंद की आप हमेशा मदद करते हैं तो समझें शनिदेव की आप पर विशेष कृपा है। ऐसे लोग पौष माह में गरीबों को काले चने, काले तिल उड़द दाल और काले कपड़े सच्चे मन से दान करते हैं, इसलिए शनिदेव भी उनका सदैव कल्याण करते हैं।
7. काले छातों का दान- जेष्ठा माह में धूप से बचने के लिए काले छाते दान करने वालों पर शनिदेव की छत्र-छाया हमेशा बनी रहती है। जब आपकी यह आदत बदलने लगे तो समझें शनिदेव कुपित हो रहे हैं आपसे।
8. कुत्तों की सेवा- कुत्तों की सेवा करने वालों से भगवान शनि हमेशा प्रसन्न होते हैं। कुत्तों को खाना देने वालों और उनको कभी ना सताने वालों के शनिदेव सभी कष्ट दूर करते हैं। इसलिए अगर आपको भी ऐसी आदतें हैं तो जीवन में शनि कोप से मिलने वाली मुश्किलों से हमेश बचे रहेंगे।
9. नेत्रहीन को राह दिखाना- किसी भी नेत्रहीन व्यक्ति को राह दिखाना, उनकी मदद करना शनि को खुश करने में सहायक सिद्ध होता है। जो लोग भी नेत्रहीन लोगों की अनदेखी नहीं करते, उनकी नि:स्वार्थ मदद करते हैं, शनिदेव उनसे हमेशा प्रसन्न रहते हैं और उनकी सफलता-उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
10. शनिवार का उपवास- शनिवार का उपवास रखकर अपने हिस्से का भोजन गरीबों को देने की आदत है तो समझें शनि की कृपा से अन्न के भंडार आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे। ऐसे व्यक्ति अगर जीवन भर इस नियम का पालन करते हैं तो उन्हें कभी धन-संपदा की कमी नहीं होती।
11. मछलियों की सेवा- मांस-मछली, मदिरा के सेवन से जो दूर रहते हैं, मछलियों को खाना खिलाते हैं उनसे शनि हमेशा प्रसन्न रहते हैं। इसलिए अगर आपको भी मछलियों को दाना खिलाने की आदत है तो खुशकिस्मत हैं आप, अपनी इस आदत को छूटने ना दें।
12. नित्य स्नान- प्रतिदिन स्नान कर खुद को साफ रखने वालों पर शनि की कृपा होती है। पवित्र रहने वालों की शनि हमेशा मदद करते हैं।
13. सफाई-कर्मियों की मदद- जो सफाई- कर्मियों का सम्मान करते हैं और उनकी आर्थिक मदद भी करते हैं, शनिदेव उनका साथ कभी नहीं छोड़ते। इसलिए अपकी यह आदत आपको शनि की कृपा का पात्र बनाकर भाग्यशाली बनाता है।
14. ईमानदारी- जो लोग मेहनतकश लोगों का हक नहीं मारते बल्कि उनकी हर संभव मदद करते हैं, वे शनि को बेहद पसंद होते हैं। शविदेव उनके सारे कष्ट हर लेते हैं।
15. वृद्धों का सम्मान- वृद्ध माता-पिता तथा स्त्रियों को मां समान मानकर उनका सम्मान करने वालों की शनिदेव हमेशा सहायता करते हैं।
16. पीपल, बरगद का पूजन- पेड़ों का पूजन शनि भगवान को खुश करने के लिए बहुत जरूरी है। जो लोग पीपल और बरगद की पूजा करते हैं उनपर शनि अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
17. शिवलिंग की पूजा- भगवान शिव की पूजा शनि को प्रसन्न करती है। रोज शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पूजा अर्चना करने वालों का शनि सदैव ध्यान रखते हैं।
18. श्राद्ध- जो लोग अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं उनसे प्रसन्न होकर शनिदेव उनके कष्ट दूर करते हैं। इसलिए यह आदत हमेश बरकरार रखें।
19. धर्म के मार्ग से कमाई- ऐसे लोग जो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए, सही और धर्म की राह पर चलकर धन अर्जित करते हैं उन्हें शनि अपार लक्ष्मी का वर देते हैं।
20. ईष्ट भगवान हनुमान- जिनके ईष्ट ‘भगवान हनुमान’ होते हैं या जो हनुमान को ईष्ट देवता बनाता है शनिदेव उसके रक्षक बनकर सदैव उनकी रक्षा करते हैं।
21. ईष्ट भगवान कृष्ण- जो श्रीकृष्ण को अपना ईष्ट भगवान मानते हैं शनि उनके दोस्त बन जाते हैं और कभी उनपर कोई विपत्ति नहीं आने देते।
22. विकलांगो की मदद- विकलांगो की सहायता करना शनिदेव को प्रसन्न करता है। ऐसे लोगों का शनि सदैव कल्याण करते हैं।
23. शराब से दूरी- शराब का सेवन शनिदेव को नाराज करता है। जो लोग मदिरापान से दूर रहते हैं शनिदेव की कृपा उनपर बनी रहती है।
24. शाकाहारियों का कल्याण- जो लोग शाकाहार का सेवन करते हैं और मांस, मछली, मीट से दूर रहते हैं उनसे शनिदेव प्रसन्न होकर उनके परिवार समेत उनका भी भला करते हैं।
25. सातमुखी रुद्राक्ष- सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने वालों के शनिदेव भाग्य खोल देते हैं। इसलिए जिन्हें रुद्राक्ष पसंद हो या रुद्राक्ष पहनने की आदत हो, वे शनिदेव से शुभ फल पाते हैं।
26. ब्याजखोरी से दूरी- जो लोग ब्याजखोरी करते हैं, उनसे शनि रुष्ट हो जाते हैं। ब्याजखोरी से बचने वालों की शनि हमेशा सहायता करते हैं।
27. कोढ़ियों की सेवा - कोढ़ रोग से ग्रसित लोगों की सेवा करना पुण्य का काम माना गया है। शनि भी ऐसे लोगों से प्रसन्न होते हैं जो कोढ़ियों की सेवा करते हैं। ऐसे लोगों के सारे कष्टों, परेशानियों से शनिदेव उन्हें बचाते हैं।