सिरमौर: देश को आजाद हुए 73 साल बीत गए है और इस दौरान देश और प्रदेश में कई सरकारें जनता से विकास के बड़े बड़े बायदे करके आई और गई । लेकिन ये बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि आजादी को इतना समय बीत जाने के बाद भी जिला सिरमौर के संगडाह तहसील के अंतर्गत बडौल पंचायत के तहत आने वाला कुणा गाँव अभी भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से बंचित है और आलम ये है कि जब भी गांव का कोई बुजुर्ग , बच्चा बीमार पड़ जाता है या किसी गर्वबती महिला को प्रसूति पीड़ा होती है तो उसे गांव वालों द्वारा आठ से दस किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई में कम्बल में लपेटकर या पीठ पर उठा कर सड़क तक पंहुचाना पड़ता है ।
ऐसा ही एक मामला आज सामने आया जब गांव के एक बुजुर्ग ओर क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले व्यक्ति रामभज शर्मा बीमार हो गए और गांव वालों दवारा उन्ह कंबल में लपेटकर सड़क तक पंहुचाना पड़ा ।
इस सम्बंध में गांव वालों ने बताया कि बड़ोल गांव से उनके गांव के लिए 2015 में लगभग 10 किलोमीटर की सड़क निर्माण का शिलान्यास किया गया था लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक सिर्फ दो किलोमीटर का ही सड़क का कार्य पूरा हुआ है जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और हमे मरीजों को कंधो पर उठाकर सड़क तक पंहुचाना पड़ रहा है । लोगों ने सरकार से इस सड़क का जल्द निर्माण करने की मांग की ताकी लोगो को किसी व्यक्ति के बीमार होने पर इस तरह की समस्या को ना झेलना पड़े ।
उक्त गांवों के बाशिंदों का नेताओं पर आरोप है कि नेता चुनावों के दौरान आश्वासन देते हैं लेकिन चुनावों के बाद अपनी सूरत तक नहीं दिखाते। गांव के लोगों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।