हिमाचल कैबिनेट के बड़े फैसले: 500 पशु मित्रों की भर्ती, मानदेय बढ़ा, हर पंचायत में आपदा यूनिट, HPTDC कार्यालय धर्मशाला शिफ्ट , पढ़ें पूरी खबर       राष्ट्र मण्डल सम्मेलन 2025: राष्ट्र मण्डल सम्मेलन से पहले कुलदीप पठानियां पहुंचे तपोवन, व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण, संभाली मेजबानी की जिम्मेदारी, पढ़ें पूरी खबर..       शनिवार का राशिफल: 28 जून 2025; 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन ? पढ़ें मेष से मीन तक का राशिफल..       शिमला में बड़ा हादसा : ब्रेक फेल होने से बस दीवार से टकराई निजी बस, तीन घायल, पढ़ें पूरी खबर..       धर्मशाला के तपोवन में रचेगा इतिहास: पहली बार आयोजित होगा राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ सम्मेलन, पढ़ें पूरी खबर..       आज का राशिफ़ल: 27 जून 2025; जानें 12 राशियों का राशिफ़ल.       श्री रघुनाथ मंदिर, इंजनघर संजौली में 28 जून से रासलीला महोत्सव, भक्तों को आमंत्रण, पढ़ें पूरी ख़बर       शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: किन राशियों के लिए शुभ, जानिए शुक्र गोचर में शुभ फल पाने के उपाय..       हिमाचल में बारिश का कहर: बादल फटे, 9 से ज्यादा लोग लापता, 2 के शव बरामद, 2000 से अधिक टूरिस्ट फंसे, पढ़ें पूरी खबर       गुरुवार का राशिफ़ल: 26 जून 2025; आज के दिन इन 5 राशियों की आय में होगी बढ़ोतरी, मिलेगी बड़ी कामयाबी, पढ़ें आज का राशिफल....      

धर्म

सावन के महीने में शिवलिंग पर रोज चढ़ाये बिल पत्र, जानिए बिलपत्र को क्या दोबारा चढ़ाया जा सकता है?

July 09, 2020 10:02 AM

शिवजी के प्रिय सावन माह में पूजा करते समय शिवलिंग पर कई तरह की पूजन सामग्रियां, फूल-पत्तियां विशेष रूप से चढ़ाई जाती हैं। इनमें बिल्व पत्र का महत्व काफी अधिक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बिल्व पत्र का वृक्ष घर के बाहर या आसपास हो तो कई वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। उत्तर-पश्चिम दिशा में लगा सकते हैं बिल्व वृक्ष

बिल्व का पौधे लगाना हो तो घर के उत्तर-पश्चिम कोण में लगाना शुभ रहता है। जिस घर मे बिल्व वृक्ष लगाया जाता है और रोज उसे पानी दिया जाता है, वहां रहने वाले लोगों के विचारों में सकारात्मकता बनी रहती है। उत्तर-पश्चिम कोण में वृक्ष लगाना संभव न हो तो इसे घर की उत्तर दिशा में भी लगाया जा सकता है।

शिवलिंग पर चढ़ाया गया बिल्व पत्र बासी नहीं होता यानी एक ही बिल्व पत्र को धोकर अगले दिन फिर से पूजा में चढ़ाया जा सकता है। बिल्व पत्र को कई दिनों तक बासी नहीं माना जाता है। शिवपुराण में बिल्व वृक्ष को शिवजी का ही रूप बताया गया है। इसे श्रीवृक्ष भी कहते हैं। श्री देवी लक्ष्मी का ही एक नाम है। इस कारण बिल्व की पूजा से लक्ष्मीजी की कृपा भी मिलती है। इस वृक्ष की जड़ों में गिरिजा, तने में महेश्वरी, शाखाओं में दक्षायनी, पत्तियों में पार्वती, फूलों में गौरी और फलों में देवी कात्यायनी वास करतीं हैं। इसी वजह से इस वृक्ष का पौराणिक महत्व काफी अधिक है।

Have something to say? Post your comment

धर्म में और

गुरु अस्त 2023: नवरात्रि में अस्त हुए बृहस्पति, आइए जानते हैं कि अस्त गुरु किन राशियों को दे सकते नुकसान, पढ़ें विस्तार से..

भाई दूज - 2021: भाई को टीका करने का सबसे शुभ मुहूर्त और विधि, डेढ़ घंटे राहुकाल में न करें भाई का तिलक, देखें शुभ मुहूर्त

दीवाली 2021: लक्ष्मी पूजन से बरसेगा धन! नोट कर लें पूजन का शुभ मुहूर्त, जानें कब होगा प्रदोष काल ? पढ़े पूरी खबर..

यह हैं पितृदोष शांति के 11 उपाय, इसके बाद खुलेंगे तरक्की के रास्ते

जानिए छठ पूजा का शुभ महूर्त

सूर्य का राशि परिवर्तन चमका देगा इन 5 राशि वालों का भाग्य

आज है गोवर्धन पूजा, जानिए कैसे शुरू हुई यह परंपरा, ये है शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

धनतेरस 2020 : आज या कल कब मनाया जाएगा धनतेरस का पर्व, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त व विधि

रविवार के दिन ये उपाय लाएंगे जीवन में खुशहाली

करवा चौथ: सोलह श्रृंगार से मिलता है करवा माता का आशीर्वाद