शिमला: (हिमदर्शन समाचार); हिमाचल की राजधानी शिमला में हर वर्ष आयोजित होने वाला ग्रीष्म उत्सव सिर्फ कागजों मे अंतरराष्ट्रीय रह गया। अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक दलों को मंच देना तो दूर अब शिमला जिला प्रशासन देश के नामी कलाकारों को भी बुलाने में नाकाम हो रहा है। आम जनता भी ग्रीष्मोत्सव के गिरते स्तर को देखकर काफी चिंतित है। पहले जहां लोग शिमला अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव को देखने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय कर आते थे। अब माल रोड, लोअर बाजार व जाखू आदि में रहने वाले स्थानीय लोग भी ग्रीष्मोत्सव देखने नहीं आते है। बता दें कि जून माह में पर्यटन सीजन शिमला में जोरो पर होता है।
रिज मैदान पर ग्रीष्मोत्सव के लिए में लगे स्टेज व अन्य व्यवस्था पर लाखों रुपये पानी की तरह बहाये जाते है वाबजूद इसके इस चार दिन के कार्यक्रम को देखने कोई आता है । रिज मैदान पर लगी खाली कुर्सियों पर पर्यटकों को बैठा कर भरा जाता है। पर्यटक भी स्टेज पर राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय कलाकर न देख कर प्रशासन का मजाक उड़ाते नजर आतें है।
ग़ौरतलब है कि देश और दुनिया आज आज तरकी की और बढ़ रहा है जबकि अन्तराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव आगे बढ़ने के बजाए पीछे की ओर जा रहा है। प्रदेश की पूर्व सरकार हो या मौजूदा सरकार सरकार दोनों पर्यटन को बढ़ावा देने की बड़ी बड़ी बाते करती रही है लेकिन धरातल पर पर्यटन की दृष्टि से कुछ नही हो रहा है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण अंतराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव का प्रतिवर्ष गिरता स्तर है । स्थानीय लोगों का जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार को सुझाव है कि यह अंतराष्ट्रीय महोत्सव केवल कागजी रह गया है इसलिए इसे दरुस्त कर अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव से बदलकर सिर्फ शिमला ग्रीष्मोत्सव रखा जाना चाहिए ।
बता दें कि एक समय था जब रूस और अन्य देशों के ग्रुप यहां पर अपनी प्रस्तुतियां देते थे मगर अब अन्तराष्ट्रीय कलाकारों तथा राष्ट्रीय कलाकारों को जिला प्रशासन बुलाता ही नहीं है। इसके पीछे प्रशासन का तर्क है कि आर्थिक कमी मानता आया है। प्रदेश सरकार अगर जिला प्रशासन की मदद करे तो इसे काफी बेहतर बनाया जा सकता है।
पहले फेस्टिवल के आकर्षक बालीवुड के जाने माने गायक कलाकारों को बुलाया जाता था जिनमें गुलाम अली, महेंद्र कपूर, अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, कुमार शानू, उदित नारायण, अभिजीत, अनुराधा पौडवाल सहित पूर्व की मशहूर पाप गायिका पावर्ती खान व पंजाबी गायक गुरदास मान, हंसराज हंस के अलावा कविता कृष्णा मूर्ति, महालक्ष्मी अय्यर, मोहित चौहान, मास्टर सलीम व मिक्का तक के नाम शामिल हैं।
इन कलाकारों के अन्तराष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव में आने से शिमला के व्यवसायियों को अपने अपने व्यापार में काफी फायदा मिलता था। क्योंकि इन बड़े कलाकारों को सुनने के लिए पर्यटकों तथा स्थानीय जनता का जनसैलाब माल रोड और रिज मैदान पर उमड़ता था ।
स्थानीय व्यवसायियों का कहना है कि जिला प्रशासन व्यपारियो तथा होटल मालिकों से अंतरास्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव के नाम पर करोड़ों रुपये जमा करता है लेकिन अब बी ग्रेड के गायकों को बालीवुड से बुलाया जा रहा है।