लाहौल-स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में एक सरकारी विश्रामगृह के निर्माण में लाखों के गबन का मामला सामने आया है। तिंदी पंचायत के भुजुंड़ में निर्माणाधीन वन विभाग के विश्राम गृह का है। इसे कागजों में ही तैयार कर दिया गया। वन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक इस कार्य पर करीब 14 लाख का बजट खर्च किया गया है।
विजिलेंस टीम ने मौके का निरीक्षण करने के बाद पाया कि अभी तक विश्राम गृह की नींव ही (डीपीसी) रखी गई है। विजिलेंस का दावा है कि विश्राम गृह के निर्माण में फर्जी बिल पेश कर तीन आरोपियों ने 4, 86, 800 रुपये का गबन किया है। इसमें सीमेंट के 200 बैग भी शामिल होने की बात सामने आई है।
प्रारंभिक जांच में भ्रष्टाचार के पुख्ता सुबूत मिलने के बाद विजिलेंस ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सरकार से अनुमति मांगी थी। सरकार की मंजूरी के बाद विशेष सचिव सतर्कता ने विजिलेंस ब्यूरो को एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी है। अब तीनों अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी के सुबूत मिलने के बाद वन खंड अधिकारी, वनरक्षक और सेवानिवृत्त वन परिक्षेत्र अधिकारी के खिलाफ केलांग में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 17 ए के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एक अधिकारी घपला होने के बाद सेवानिवृत्त हुआ है।
विजिलेंस ने कई दिन तक विश्राम गृह के निर्माण कार्य से जुड़े दस्तावेज और बिल खंगालने के बाद यह खुलासा किया है। मामला दर्ज होने के बाद अब विजिलेंस की एक और विशेष टीम मामले की दोबारा जांच करेगी। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो केलांग के उपनिरीक्षक अजय कुमार ने मामले की पुष्टि की है।
तिंदी के भुजुंड़ विश्राम गृह का निर्माण कार्य साल 2013-14 में शुरू हुआ था। उस दौरान निर्माण के लिए दस हजार की राशि जारी हुई थी। उसके उपरांत 2015-16 में 2.30 लाख, 2016-17 में 1.40 लाख और साल 2017-18 में 11 लाख का बजट जारी किया गया था। विजिलेंस ने इस समय अवधि के दौरान तिंदी वन परिक्षेत्र में सेवाएं देने वाले सभी अधिकारियों से पूछताछ की है।