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पंचांग

आज का पंचांग: 09 फरवरी 2023; संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत, जानें आज के शुभ मुहूर्त और शुभ योग का समय..

February 09, 2023 06:34 AM
Om Prakash Thakur

आज का पंचांग 9 फरवरी 2023: आज गुरुवार को संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत रखा जाएगा और आज इसके साथ ही चंद्रमा दिन रात कन्या राशि पर संचार करेगा। वहीं उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और सुकर्मा योग भी हैं। इसलिए कोई भी शुभ कार्य मुहूर्त देखकर ही आरंभ करें।

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi)

2:- वार (Day)

3:- नक्षत्र (Nakshatra)

4:- योग (Yog)

5:- करण (Karan)

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।

जानिए आज गुरुवार का पंचांग

* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।

* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।

* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

मंगल श्री विष्णु मंत्र :-

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

गुरुवार का पंचाग : 9 फरवरी 2023 

दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)। गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए ।

गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।

गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं । इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

गुरुवार को चने की दाल भिगोकर उसके एक हिस्से को आटे की लोई में हल्दी के साथ रखकर गाय को खिलाएं, दूसरे हिस्से में शहद डालकर उसका सेवन करें।

यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है। और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है। गुरुवार को विष्णु जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए, गुरुवार को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ परम फलदाई है।

*विक्रम संवत् 2079, * शक संवत – 1944, *कलि संवत 5124, * अयन – उत्तरायण, * ऋतु – बसंत ऋतु, * मास – फाल्गुन माह* पक्ष – कृष्ण पक्ष*चंद्र बल – मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन,

तिथि का स्वामी – चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश जी है।

आज द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत है। फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहते है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना, संकष्टी चतुर्थी का व्रत सभी प्रकार के संकटो को दूर करता है।

पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है।

चतुर्थी तिथि के स्वामी देवताओं में प्रथमपूज्य भगवान गणेश जी माने गए हैं। संकष्टी चतुर्थी का ब्रत रखने से जीवन की सभी बाधाएं, संकट दूर होते है मनवाँछित लाभ मिलता है ।

आज गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, लड्डुओं या गुड़ का भोग लगाकर “ॐ गण गणपतये नम:” मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करें । चतुर्थी को गणेश जी की आराधना से किसी भी कार्य में विघ्न नहीं आते है।

चतुर्थी को गणेश जी के परिवार के सदस्यों के नामो का स्मरण, उच्चारण करने से भाग्य चमकता है, शुभ समय आता है

संकष्टी चतुर्थी का व्रत साँयकाल चंद्र दर्शन के बाद ही खोला जाता है। इस दिन चांद निकलने से पहले गणपति की पूजा करें।

चतुर्थी तिथि को रिक्ता तिथि कहते है इस दिन शुभ कार्यो का प्रारम्भ शुभ नहीं समझा जाता है ।

नक्षत्र (Nakshatra) – उत्तरा फाल्गुनी 22.27 PM तक तत्पश्चात हस्त

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी – उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन और स्वामी सूर्य, बुध देव जी है । आकाश मंडल में उत्तरा फाल्गुनी को 12 वां नक्षत्र माना जाता है। ‘उत्तरा फाल्गुनी’ का अर्थ है ‘बाद का लाल नक्षत्र’।

यह एक बिस्तर या बिस्तर के पिछले दो पाए को दर्शाता है जो आराम और विलासिता के जीवन का प्रतीक है।

यह नक्षत्र रोमांस, कामुक, ऐश्वर्य, रोमांच और अनैतिक आचरण को प्रदर्शित करता है। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पाकड़ तथा स्वाभाव शुभ माना गया है।

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर सूर्य और बुध का प्रभाव बना रहता है।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 12, भाग्यशाली रंग, चमकदार नीला, भाग्यशाली दिन बुधवार, शुक्रवार, और रविवार माना जाता है ।

उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ अर्यमणे नम: “। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।

योग :- सुकर्मा 16.46 PM तक तत्पश्चात धृति

योग के स्वामी, स्वभाव :- सुकर्मा योग के स्वामी इंद्र जी और स्वभाव शुभ माना जाता है ।

प्रथम करण :- बव 19.37 PM तक

करण के स्वामी, स्वभाव :- बव करण के स्वामी इंद्र देव और स्वभाव सौम्य है।

द्वितीय करण :- बालव

करण के स्वामी, स्वभाव :- बालव करण के स्वामी ब्रह्म जी और स्वभाव सौम्य है।

दिशाशूल (Dishashool)– बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।राहुकाल (Rahukaal)– दिन – 1:30 से 3:00 तक।

सूर्योदय – प्रातः 07:08

सूर्यास्त – सायं 18:03

विशेष – किसी भी पक्ष की चतुर्थी तिथि में मूली और बैंगन का सेवन करना मना है। चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है, और चतुर्थी को बैगन खाने से रोग बढ़ते है।

पर्व त्यौहार– संकष्टी चतुर्थी

आज का शुभ मुहूर्त :  ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 21 मिनट से 6 बजकर 13 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 26 मिनट से 3 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्‍यरात्रि 12 बजकर 9 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 6 बजकर 4 मिनट से 6 बजकर 30 मिनट तक। अमृत काल दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।

आज इन वर्जित समय पर न करें कोई शुभ काम : राहुकाल दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक। सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। सुबह 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 10 बजकर 45 मिनट से 11 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। उसके बाद दोपहर में 3 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

आज का उपाय : भगवान विष्‍णु की पूजा करें और गाय को आटे की लोई में गुड़ और चने की दाल मिलाकर खिलाएं।

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो .

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