दाड़लाघाट के ट्रक ऑपरेटर एक बार फिर से लामबंद होने को मजबूर हो सकते है। या यूं कहें कि अंबुजा सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटर का विवाद एक बार फिर से गहरा सकता है। इससे पहले हिमाचल विधानसभा चुनाव के दौरान भी अंबुजा ने ट्रक और ट्रालों की माल ढुलाई की दरों में कमी की थी, यह कटौती दाड़लाघाट अम्बुजा सीमेंट उद्योग के इतिहास में पहली बार हुई थी। जिस कारण दाड़लाघाट में 73 दिनों की ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल हुई। जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता व सरकार को भुगतना पड़ा था।
अडानी समूह की ओर से किराया कम करवाने के प्रस्ताव को ट्राला चालकों ने दो टूक इनकार कर दिया है। प्रस्ताव के मुताबिक 16 टायर वाले ट्रक का किराया ₹1 प्रति किलोमीटर कम किया जाएगा जो कि ₹9.30 पैसे से घटकर ₹8.30 होगा। जिसको लेकर 16 टायर ट्राला ऑपरेटरों ने रोष जाहिर करते हुए लोकसभा के चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
चुनावों के समय ही सीमेंट मालभाड़े की दरों में क्यों होती है कटौती और क्यों महंगा होता है सीमेंट ? पढ़ें पूरी खबर..
सोलन : (दाड़लाघाट); अंबुजा सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों का विवाद फिर से गहरा सकता है। कंपनी ने सिंगल एक्सल वाहनों के लिए दरें तय कर दी हैं। 16 टायर वाले ट्रकों के किराये में प्रति किलोमीटर एक रुपये कम करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। कंपनी ने ट्रक ऑपरेटरों को मेल कर यह जानकारी दी है। कंपनी की ओर जारी फरमान में यह भी कहा गया है कि अगर कंपनी द्वारा निर्धारित किया गया रेट ट्रक ऑपरेट्र्स को मान्य नहीं है, तो कंपनी की ओर से 16 पहिया वाले ट्रक को चलाने के लिए मान्यता नहीं दी जाएगी। वहीं 16 टायर ट्राला (ट्रक) मालिकों ने इस निर्णय को मानने के लिए इन्कार कर दिया है।
कंपनी की ओर जारी फरमान में यह भी कहा गया है कि अगर कंपनी द्वारा निर्धारित किया गया रेट ट्रक ऑपरेट्र्स को मान्य नहीं है, तो कंपनी की ओर से 16 पहिया वाले ट्रक को चलाने के लिए मान्यता नहीं दी जाएगी।
कंपनी के प्रस्ताव के मुताबिक 16 टायर वाले ट्रकों का किराया एक रुपये प्रति किलोमीटर कम किया जाएगा जोकि 9.30 से घटकर 8.30 रुपये हो जाएगा। कंपनी की ओर जारी फरमान में यह भी कहा गया है कि अगर निर्धारित रेट ट्रक ऑपरेटर्स को मान्य नहीं है तो 16 पहिया वाले ट्रकों को चलाने के लिए मान्यता नहीं दी जाएगी।
ट्रक ऑपरेटर मदन सिंह ठाकुर, संजय, अनूप, ललित, देवी चंद, पार्वती, केशव सहित अन्य ट्रक ट्राला मालिकों का कहना है कि छोटे-2 ट्रकों को तो किराया ठीक मिल रहा है, जबकि 16 टायर वाले ट्रकों को मालभाड़ा कम करने की बात की जा रही है। इसकी वजह से फिलहाल 11 मई से ऐसे ट्रकों की एंट्री बंद कर दी गई है।
ऑपरेटर्स का कहना है कि मालभाड़ा कम करने को लेकर परस्पर किसी तरह का एमओयू हस्ताक्षर नहीं हुआ है। कंपनी ने ईमेल में महंगे ट्रकों का मालभाड़ा ज्यादा होने का उल्लेख किया है। 16 चक्का ट्रक ऑपरेटरों ने एकमत होकर कहा कि वह अम्बुजा के तुगलकी फरमान के आगे नहीं झुकेंगे तथा अम्बुजा के इस तानाशाही रवैये पर रोष जाहिर करते हुए लोकसभा के चुनाव का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे।
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