हिमाचल प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। शिमला में एक पांच मंजिला इमारत गिरने की घटना के बाद निरीक्षण के दौरान NHAI अधिकारियों से कथित मारपीट मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि मंत्री ने अधिकारियों के साथ न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि कमरे में ले जाकर शारीरिक रूप से हमला भी किया। इस मामले ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। पढ़ें विस्तार से..
शिमला: (HD News); हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी अचल जिंदल के साथ मारपीट के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में मंत्री के खिलाफ शिमला के ढली थाना में FIR दर्ज की गई है। घटना को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू से बात कर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।
घटना सोमवार को शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में हुई, जहां हाल ही में एक पांच मंजिला इमारत ढह गई थी। निरीक्षण के लिए पहुंचे पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचे NHAI के प्रबंधक अचल जिंदल के साथ अभद्र व्यवहार किया और बाद में बंद कमरे में मारपीट की। शिकायत के अनुसार, यह घटना एसडीएम शिमला ग्रामीण की उपस्थिति में हुई। घायल अधिकारी को इलाज के लिए IGMC ले जाया गया जहां उनका मेडिकल परीक्षण कर एमएलसी तैयार की गई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 132, 121(1), 352, 126(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

विपक्ष ने इसे सत्ता का घमंड बताते हुए मुख्यमंत्री से मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि अगर सरकार खुद ही कानून व्यवस्था का उल्लंघन करेगी तो आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा? वहीं, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सीधे फोन पर बात कर निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला न सिर्फ प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करता है, बल्कि सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री सुक्खू इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।क्या मंत्री पर कोई ठोस कार्रवाई होगी या मामला राजनीतिक दबाव में ठंडे बस्ते में चला जाएगा। जनता और प्रशासन दोनों इस संवेदनशील मामले पर सरकार की पारदर्शिता और निष्पक्षता की परीक्षा ले रहे हैं।
NHAI के मैनेजर अचल जिंदल द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत
वहीं इस घटना के बाद जब मीडिया ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह से संपर्क किया, तो उन्होंने इस मामले में कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया।