धर्मशाला के तपोवन विधानसभा परिसर में आज राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र-जोन-2 के वार्षिक सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने दीप प्रज्वलन कर दो दिवसीय सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर कई राज्यों से प्रतिनिधियों ने भाग लिया और लोकतांत्रिक विमर्श की दिशा में एक सशक्त पहल की। पढ़ें विस्तार से ..
धर्मशाला: (HD News); धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर आज एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बना जब राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ वार्षिक सम्मेलन (CPA India Region - Zone 2) का भव्य शुभारंभ हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उनके साथ मंच पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां, राज्यसभा उपसभापति हरिवंश, संसदीय कार्यमंत्री हर्ष वर्धन चौहान और विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार भी उपस्थित रहे।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यह सम्मेलन तपोवन विधानसभा परिसर के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। उन्होंने इस आयोजन को लोकतंत्र की मजबूती और संसदीय संस्थानों की सशक्तता की दिशा में एक ठोस कदम बताया। साथ ही उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि तपोवन भवन को राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी के रूप में विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जाएं ताकि भविष्य में राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम यहां आयोजित किए जा सकें।

सम्मेलन के दौरान लोकसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य अतिथियों को शॉल और टोपी पहनाकर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस भव्य आयोजन से पूर्व प्रातः 6 बजे विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानियां ने होटल हयात में लोकसभा अध्यक्ष की अगवानी कर उनका औपचारिक स्वागत किया।
इस जोनल सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए, जबकि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के विधानसभा अध्यक्ष विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इनके अलावा विभिन्न राज्यों के उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक और विधायकगण भी सम्मिलित हुए। उद्घाटन के पश्चात अपराह्न 3 बजे आयोजित सत्र में "राज्य के विकास की तुलना में राज्य के संसाधनों के प्रबन्धन में विधायिका की भूमिका" विषय पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
सत्र में विभिन्न विधानसभाओं के प्रतिनिधियों ने अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए और लोकतांत्रिक संवाद को नई दिशा दी। लोकसभा और राज्यसभा महासचिवों के साथ हिमाचल विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और गरिमा प्रदान की।
तपोवन में आयोजित यह सम्मेलन न केवल हिमाचल प्रदेश की संसदीय गरिमा को नई ऊंचाइयां प्रदान करता है, बल्कि देशभर के विधायकों को एक साझा मंच पर लाकर लोकतांत्रिक मूल्यों की सुदृढ़ता में एक अहम भूमिका निभा रहा है। सम्मेलन का समापन 1 जुलाई को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में होगा, जो इस ऐतिहासिक आयोजन को और भी विशेष बना देगा।